पांवटा साहिब
ज़िला सिरमौर में अवैध खनन के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे है। इसमें सबसे अधिक अवैध ज़िला के दून क्षेत्र में सामने आ रहे है। खनन माफिया ज़िला के नदी नालों को अपना शिकार बना रहे है। खनन मफियाओं के हौंसले इतने बढ़ गए है कि पुलिस द्वारा भारी चालान होने के बाद भी मफियाओं द्वारा पाँवटा पुलिस थाने के पास ही यमुना नदी में बेखौफ खनन को अंजाम दिया जा रहा है।
पांवटा साहिब की यमुना नदी में खनन माफियाओं को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। सूबह-सूबह 4 से 5 बजे दर्जनों ट्रैक्टर दनदनाते हुए पांवटा साहिब की सड़कों पर दौड़ते नजर आते है। सूबह की पहली किरन के साथ ही एक दर्जन ट्रैक्टर रेत-बजरी भरने यमुना नदी में उतर जाते हैं। बताते चले कि यमुना नदी में अवैध खनन के लिए हिमाचल से लगी सीमा उत्तराखण्ड़ के दर्जनों ट्रक यहां के हर रोज हजारों टन रेत व बजरी को ले जाते है।
जिससे हिमाचल सरकार को प्रतिदिन लाखों रूपये के राजस्व का नुक्सान हो रहा है।खनन करने की भी एक सीमा होती है जबकि यमुना नदी में कई मीटर के हिसाब से गड्डे हो गए है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के नियमों की भी पूरी तरह से धज्जियां उड़ रही है। पर्यावरण को बहुत नुक्सान हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में पुलिस विभाग वन विभाग द्वारा खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई है।
कई बार बड़े-बड़े चालान भी किये गए है पर उसके बाबजूद भी खनन मफिया बेरोकटोक यमुना नदी के तट से खनन करने में लगे हुए है। उधर, इस बारे में डीएसपी पांवटा रमाकांत ठाकुर ने बताया पुलिस कर रोज खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। अवैध खनन कर रहे टिप्परों व ट्रैक्टरों के कई बार चालान हो गए है।
उन्होंने बताया कि यमुना नदी दोनों राज्यों उत्तराखण्ड व हिमाचल सरकार के अधीन है। उत्तराखण्ड़ पुलिस से अवैध खनन को रोकने के लिए सहयोग मांगा गया है। जल्दी ही दोनों राज्यों की पुलिस इस के खिलाफ मुहीम छेड़ेगी।