हिमाचल का बेटा अंशुमन ढटवालिया 22 साल की उम्र में उड़ाएगा लड़ाकू विमान

Update: 2022-06-26 09:03 GMT

शिमला: जिला से संबंध रखने वाले 22 वर्षीय अंशुमन ढटवालिया फाइटर जेट पायलट बन गए है। उनकी इस उपलब्धि पर परिजनों ने खुशी जताई है। अंशुमन का जन्म पांच नवंबर 2000 को उत्तम ढटवालिया और सुषमा कुमारी के घर हुआ। वर्ष 2018 में एनडीए (NDA) में सिलेक्शन के बाद तीन साल पूना में कंबाइन ट्रेनिंग और फिर हैदराबाद में एक साल पायलट की ट्रेनिंग करने के बाद अंशुमन गत 18 जून को पास आउट हो गए। अंशुमन की पहली पोस्टिंग वेस्ट बंगाल में हुई है। बता दें कि एयर फोर्स (Air Force) में तीन तरह के पायलट होते हैं, जिसमें सर्वप्रथम फाइटर जेट, दूसरे नंबर पर ट्रांसपोर्ट वाले और तीसरे नंबर पर हेलीकॉप्टर (Helicopter) के पायलट आते हैं। अंशुमन का फाइटर जेट में पायलट बनना बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

अंशुमन की शिक्षा की बात करें तो उसकी प्राइमरी एजुकेशन आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में हुई थी। उसके बाद डीएवी सलासी हमीरपुर से उसने आठवीं तक की पढ़ाई की। यहां कराटे में नेशनल चैंपियन भी रहा। आठवीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल सुजानपुर में पूरी की और 2018 में पहले ही प्रयास में एनडीए (NDA) क्वालीफाई कर लिया। अंशुमन के पिता उत्तम ढटवालिया बीबीएन कॉलेज में असिस्टेंट लाइब्रेरियन (Assistant Librarian) हैं, जबकि उनकी माता सुषमा कुमारी जिनका वर्ष 2021 में एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था। वे हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग (Himachal Pradesh Education Department) में स्कूल काडर में इतिहास (History) की प्रवक्ता थीं।

अंशुमन की एक बहन है जो आंध्र प्रदेश के अपोलो मेडिकल कॉलेज चित्तूर में एमबीबीएस (MBBS) कर रही है। अंशुमन आजकल घर पर है। अंशुमन का कहना है कि माता-पिता और शिक्षकों के आशीर्वाद से वह इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं। वे कहते हैं कि वह खुशनसीब है कि उन्हें बतौर फाइटर जेट पायलट बन कर देश सेवा करने का मौका मिला। अपनी माताजी को याद करते हुए कहते हैं कि आज वे होती तो सबसे ज्यादा खुश होती, उनकी कमी हमेशा रहेगी।

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