नई दिल्ली। आर्थिक सुधारों की ओर आगे बढ़ती सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार एक्शन मोड पर है। इस कड़ी के तहत सरकार ने निजी निवेश के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।सरकार प्रदेश में निवेश करने वाले ऐसे उद्योगपतियों के समक्ष सीधे काम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें एनओसी प्रक्रिया को 1 दिन से लेकर कम से कम अवधि में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। सरकार की ओर से निवेशकों को उनकी इच्छा के अनुकूल भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी, जहां पर वह अपना प्रोजैक्ट लगा सकते हैं। नई दिल्ली में पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह बात कही। सुक्खू ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसीपल अब अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनको अब निर्माण कार्य से संबंधित किसी कार्य के लिए अपना समय नहीं देना होगा। निर्माण कार्य से जुड़े काम को लोक निर्माण विभाग या निर्माण कार्य से जुड़े अन्य अधिकारी देखेंगे।
प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर-दर न भटकना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य संस्थानों में खाली पड़े डाॅक्टरों के पदों का विवरण मांगा है। सरकार की ओर से इन पदों को जल्द भरा जाएगा। वर्ष 2025 में हरित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए इलैक्ट्रिक वाहन खरीद पर 30 फीसदी सबसिडी दी जाएगी। इससे पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचेगा तथा पैट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च में भी कटौती आएगी। सुक्खू ने कहा कि सरकार ने सभी विभागों में इलैक्ट्रिक वाहन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है। इसकी शुरूआत परिवहन विभाग से हो गई है। साथ ही आने वाले समय में अन्य विभागों में भी चरणबद्ध तरीके से इलैक्ट्रिक वाहनों को बदला जाएगा ताकि वर्ष 2025 में हिमाचल प्रदेश हरित राज्य बन सके। उन्होंने तर्क दिया है कि दूसरे वाहनों का खर्चा बहुत अधिक होता है। वहीं इलैक्ट्रिक वाहनों का खर्चा कम आता है। इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुक्खू ने कहा कि बजट में सुधारों की तरफ हिमाचल प्रदेश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्री-प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंंने कहा कि सरकारी विभागों में होने वाले खर्चों में आने वाले समय में कटौती होगी। प्रदेश सरकार आर्थिकी सुधारों की तरफ ध्यान दे रही है, ताकि उसके राजस्व में वृद्धि हो सके।