हिमाचल: जेनेरिक दवाएं न लिखने पर 50 डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस
हिमाचल प्रदेश में अब तक जेनेरिक दवाएं न लिखने पर 150 से अधिक चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
शिमला, हिमाचल प्रदेश में अब तक जेनेरिक दवाएं न लिखने पर 150 से अधिक चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही जन औषधि केंद्रों के 12 फार्मासिस्ट के खिलाफ ब्रांडेड व कंपनी विशेष की दवाएं बेचने पर जांच चल रही है। ये नोटिस मेडिकल कालेजों और अस्पतालों के चिकित्सकों को जारी किए गए हैं।
जेनेरिक दवा के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधीक्षकों को प्रिस्क्रिप्शन चिट के आडिट करने का आदेश दिया गया है। अब आडिट से बचने के लिए चिकित्सक एक या दो जेनेरिक और अन्य ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं। इससे लोगों को बाजार से महंगे दाम पर दवा खरीदनी पड़ रही हैं। बिलासपुर शहर में एक भी जन औषधि केंद्र नहीं है।
52 जन औषधि केंद्रों में से 12 बंद
प्रदेश में 52 जन औषधि केंद्र खोले गए, लेकिन 12 दवाओं की बिक्री न होने से बंद कर दिए गए हैं। अब 40 केंद्र चल रहे हैं, जिनमें 1400 जेनेरिक दवाओं में से 450 ही उपलब्ध हैं। साथ ही 150 सर्जिकल आइटम उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
जन औषधि केंद्रों की स्थिति
जिला,केंद्र
कांगड़ा,8
शिमला,6
हमीरपुर,4
सोलन,3
मंडी,3
बिलासपुर,3
चंबा,3
ऊना,3
कुल्लू,3
सिरमौर,2
लाहुल स्पीति,1
किन्नौर,1
जन औषधि केंद्रों पर ब्रांडेड दवाएं बेचने पर 12 फार्मासिस्ट व संचालक को नोटिस जारी कर जांच की जा रही है। बाजार से 50 से 90 प्रतिशित तक सस्ती दवाएं व सर्जिकल आइटम उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
-रोहित ठाकुर, नोडल अधिकारी, जन औषधि।
चिकित्सकों को जन औषधि लिखने का निर्देश दिया है। इस संबंध में प्रिस्क्रिप्शन चिट काआडिट भी किया जाता है। चिकित्सकों को ब्रांडेड दवाएं न लिखने पर नोटिस तक जारी किए जा रहे हैं।