हिमाचल : राहत भरी खबर! छावनियों से नागरिक क्षेत्र होंगे बाहर, एक हफ्ते में रक्षा मंत्रालय ने मांगे सुझाव

आजादी के 75 साल बाद भी ब्रिटिश कानून का दंश झेल रहे छावनी क्षेत्र के बाशिंदों के लिए राहत भरी खबर है।

Update: 2022-02-03 06:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आजादी के 75 साल बाद भी ब्रिटिश कानून का दंश झेल रहे छावनी क्षेत्र के बाशिंदों के लिए राहत भरी खबर है। छावनी क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को बाहर किया जाना है। रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय ने इस कवायद को सिरे चढ़ाने के लिए सभी छावनी बोर्डों को पत्र जारी कर उनसे एक सप्ताह के भीतर सुझाव और इनपुट मांगे हैं। अगर कवायद सिरे चढ़ती है तो हिमाचल प्रदेश के कुल सात और देश भर के कुल 62 छावनी क्षेत्रों के करोड़ों बाशिंदों को राहत मिलेगी। जानकारी के अनुसार इसको लेकर 16 नंवबर, 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें छावनी क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को बाहर करने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। रक्षा मंत्रालय के तहत डीजी कार्यालय के उपनिदेशक राजेश कुमार साह ने देश की सभी छावनी क्षेत्र के कैंटों को एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।

रक्षा मंत्रालय के आदेशों में लिखा गया है कि जिस तर्ज पर वर्ष 1977 में हरियाणा राज्य की अंबाला छावनी से सिविल क्षेत्र को बाहर किया गया, उसी तर्ज पर देश से सभी छावनी क्षेत्र से सिविल क्षेत्रों को बाहर करने की योजना है। उधर, ऑल इंडिया छावनी वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र खुराना और प्रदेश छावनी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार सिंगला व उपाध्यक्ष मनीष शर्मा ने उम्मीद जताई है कि जिस तर्ज पर मोदी सरकार देश में पुराने कानूनों को निरस्त कर रही है, उनमें से एक कानून छावनियों का भी है। अगर मोदी सरकार छावनी क्षेत्र में ब्रिटिश कानून को खत्म कर देती है या छावनी क्षेत्र से सिविल एरिया को बाहर किया जाता है तो यह ऐतिहासिक निर्णय होगा। अगर ऐसा हुआ तो 75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाएंगे।
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