हिमाचल प्रदेश: फोर लेन प्रभावितों की सरकार को चेतावनी, उचित मुआवजा ना मिला तो चुनावों का होगा बहिष्कार
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पठानकोट-चक्की-मंडी फोरलेन निर्माण के पांचवे व आखिरी चरण में मंडी से नारला तक बनने वाले टू लेन की जद में आ रहे प्रभावित जमीनों की कीमत का उचित मूल्यांकन ना किए जाने पर प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरने का मन बनाया है. वहीं, विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के घेराव की भी चेतावनी दी है.
इस बाबत फोरलेन प्रभावितों की विशेष बैठक रविवार को फोरलेन समन्वय समिति सदर इकाई अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई. जिसमें प्रभावित परिवारों ने बढ़ चढ़कर उपस्थिति दर्ज करवाई. समन्वय समिति अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि उपमंडल प्रशासन द्वारा फोरलेन की जद में आने वाले सैकड़ों किसानों की जमीनों की कीमत का जो मूल्यांकन किया गया है। वह किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं है.
इस बारे समन्वय समिति पहले भी जिला प्रशासन के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर मामला उठा चुकी है. लेकिन कोई संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया है. बीते रोज पधर और सदर उपमंडल के एसडीएम कार्यालय द्वारा फोरलेन की जद में आने वाले प्रभावित परिवारों की जमीनों की जो वैल्यू दर्शाई गई है.उससे सभी प्रभावित परिवार हैरत में हैं.
इस दौरान समिति ने आगामी 22 अगस्त को जिला स्तर पर विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया. जिसमें पधर के नारला से लेकर बिजनी तक के किसान भाग लेंगे. मंडी के विक्टोरिया पुल से धरना प्रदर्शन करते हुए डीसी ऑफिस तक रैली निकाली जाएगी. डीसी मंडी के माध्यम से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.