हिमाचल प्रदेश: IIT Mandi के शोधकर्ताओं ने घरेलू रोशनी के स्रोत से पैदा की बिजली
मंडी, 01 दिसंबर : मौजूदा में टेक्नोलॉजी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन, स्मार्ट होम और मोबाइल एप्स में आईओटी (Internet of Things) डिवाइस का उपयोग हो रहा है, जिसके रीयल-टाइम डाटा चाहिए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (IIT Mandi) के शोधकर्ताओं ने एक नया फोटोवोल्टिक मटीरियल विकसित किया है। ये डिवाइस घर पर रोशनी के स्रोत जैसे एलईडी या सीएफएल की रोशनी के साथ इरैडियेट (E-radiate) किए जाने पर बिजली का उत्पादन कर सकता है। शोध के निष्कर्ष सोलर एनर्जी (Solar Energy) पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं। शोध आईओटी (IOT) टेक्नोलॉजी का आधार मजबूत करता है।
आईआईटी के डॉ. रणबीर सिंह और डॉ. सतिंदर शर्मा ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई), गुरुग्राम के डॉ. विक्रांत शर्मा, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डॉ. विवेक कुमार शुक्ला और नॉर्थ टेक्सास विश्वविद्यालय, डेंटन, यूएसए के मृत्युंजय पराशर के साथ मिल कर शोध-पत्र प्रकाशित किया है।
टीम नए पैरो वस्काइट मटेरियल का पता लगाने में कामयाब
एक साथ कई संस्थानों की टीम ने मिल कर थिन-फिल्म फोटोवोल्टिक सेल विकसित किए हैं, जो किसी प्रकार के प्रकाश से पावर पैदा कर सकते हैं। ये सेल्स पेरोवस्काइट्स पर आधारित हैं, जो सूरज की रोशनी ग्रहण करने से पावर पैदा करने में सक्षम एक क्रिस्टल फैमिली है। सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए लंबे समय से पेरोवस्काइट्स पर शोध किया जा रहा है। शोधकर्ताओं की यह टीम नए पैरो वस्काइट मटेरियल का पता लगाने में कामयाब रही है, जिसका उपयोग केवल सूरज की रोशनी नहीं बल्कि घर के अंदर के कृत्रिम प्रकाश के माध्यम से भी किया जा सकता है।
विकल्प देता शोध
शोध के प्रौद्योगिकी पहलुओं के बारे में आईआईटी मंडी के डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि 'हमने मिथाइलअमोनियम लेड आयोडाइड (एमएपीबीआई3) पेरोवस्काइट्स मटीरियल में फॉर्मिडियम (एफए) कटायन का समावेश कर फोटो एक्टिव, क्वैसी-क्यूबिक स्ट्रक्चर्ड पेरोवस्काइट मटेरियल का संश्लेषण किया है। पेरोवस्काइट्स के प्रकाश अवशोषण, मॉर्फोलॉजी, चार्ज ट्रांसपोर्ट और इलेक्ट्रॉन ट्रैप स्टेट्स का परीक्षण किया गया। घर के अंदर की रोशनी में डिवाइस की भौतिकी को विस्तार से देखा गया है। फैब्रिकेशन से तैयार पीवी ने घर के अंदर की रोशनी में 34.07 प्रतिशत फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन क्षमता का प्रदर्शन किया। फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन क्षमता के वैल्यू घर के अंदर उपयोगी श्रेणी-में-सर्वश्रेष्ठ पेरोवस्काइट्स के बराबर पाए गए हैं।
प्रमुख शोधकर्ता का यह भी कहना है कि यह शोध कार्य फोटोवोल्टिक मटेरियल के विकास का संभावित विकल्प देता है, जो क्वासी-क्यूबिक पेरोवस्काइट्स का उपयोग कर घर के अंदर प्रकाश ऊर्जा को प्राप्त करेगा। निकट भविष्य में घर के अंदर की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त करने का चलन तेजी से बढ़ेगा क्योंकि स्वास्थ्य और स्वास्थ्य पर निगरानी रखने वाले एप्लीकेशन, स्मार्ट होम, लॉजिस्टिक्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग आदि स्मार्ट डिवाइस का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है।