भूकंप जैसी आपदा के लिए तैयार नहीं हिमाचल: मुख्यमंत्री

Update: 2023-10-06 09:48 GMT
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने माना कि हिमाचल प्रदेश भूकंप जैसी आपदा के लिए अभी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें भवन निर्माण को रैगुलेट करने के साथ-साथ नियमों में तथा अपने स्वभाव में परिवर्तन करना होगा। उन्होंने कहा कि बेतरतीब निर्माण के लिए हम सभी दोषी हैं। ऐसे में सरकार अब कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है, जो लोगों की सुविधा के लिए होंगे। भवनों को स्ट्रक्चर इंजीनियर से पास करवाना अनिवार्य किया जाएगा तथा ड्रेनेज सिस्टम पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। यह बात उन्होंने वीरवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूवैज्ञानिक खतरों विशेषकर भूकंप और भूस्खलन पर 2 दिवसीय विचार-मंथन कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही।
सीएम ने कहा कि हमीरपुर के बड़सर में खेत के बीचोंबीच पूरी मिट्टी बह गई तथा वहां पर नाला बन गया। इसका आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्ययन करवाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई आपदा के प्रमुख कारण बादल फटना, डैम से पानी छोड़ना व अत्याधिक बारिश है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन पहाड़ों का स्वभाव है लेकिन सड़कों में इससे निपटने का उपाय आरसीसी की नहीं पत्थर की दीवार है। उन्होंने चिंता जताई कि लोगों ने अब नालों व नदियों के किनारे बसना शुरू कर दिया है, साथ ही नाले व ड्रेनेज सिस्टम बंद कर दिया है, जिससे भूस्खलन हुआ है।
सीएम ने कहा कि शिमला में योजनाबद्ध तरीके से बने भवनों को नुक्सान नहीं हुआ है। शिव बावड़ी में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में टैंक से हुए पानी से रिसाव से मड स्लाइड हुआ। इसकी जांच की जाएगी। वहीं कृष्णानगर में मलबे पर भवन बने थे। इसके अलावा शिमला में नालों में बसना शुरू किया जिस कारण नाले बंद हो गए। ड्रेनेज सिस्टम बंद कर दिए गए। मलबे पर मकान बना दिए गए। स्ट्रक्चर इंजीनियर को महत्व नहीं दिया। बेतरतीब तरीके से भवनों का निर्माण किया गया। पूरे विश्व में क्लाईमेट चेंज का असर हुआ है। हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा है। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बारिश नहीं होती थी वहां भी बारिश हुई है। ऐसे में सर्दियों में भी जलवायु परिवर्तन का असर दिख सकता है। ऐसे में भूस्खलन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता है। उन्होंने सैलानियों को हिमाचल आने का निमंत्रण भी दिया तथा कहा कि अब हिमाचल पूरी तरह से सुरक्षित है।
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