हिमाचल हाई कोर्ट ने वर्कचार्ज सेवा अवधि को पेंशन के लिए आंकने के आदेश जारी किए, तीन महीने में दें जीपीएफ नंबर
प्रदेश हाई कोर्ट ने वर्कचार्ज सेवा अवधि को जीपीएफ नंबर देने व पेंशन के लिए आंकने के आदेश जारी किए। न
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश हाई कोर्ट ने वर्कचार्ज सेवा अवधि को जीपीएफ नंबर देने व पेंशन के लिए आंकने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश सत्येन वैद्य की एकल पीठ ने मितर देव को तीन महीनों के भीतर जीपीएफ नंबर दिए जाने के आदेश जारी किए है। याचिकाकर्ता वर्ष 1991 में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर वन विभाग करसोग के तैनात हुआ था। पहली जनवरी, 2002 से उसे वर्क चार्ज प्रदान किया गया। उसकी सेवाएं वर्ष 2006 से नियमित की गई। वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने नियमों मेें संशोधन किया था कि जिन कर्मचारियों की सेवाएं 15 मई 2003 के बाद नियमित की गई है, वे पुरानी पेंशन के हकदार नहीं है। उन्हें अंशदायी पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि जब उसे पहली जनवरी, 2002 से उसे वर्कचार्ज प्रदान किया गया तो उस स्थिति में वर्ष 2002 से उसके नियमितीकरण की अवधि पेंशन के लिए गिनी जानी चाहिए। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता को पेंशन का लाभ न दिया जाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का सरासर उल्लंघन है। अदालत ने शीर्ष अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए अपने निर्णय में कहा कि वर्कचार्ज से नियमितीकरण की अवधि पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ के लिए गिनी जाएगी। अदालत ने कहा कि जब वर्कचार्ज की अवधि पेंशन के लाभ दिए जाने के लिए गिना जाएगा, तो स्वाभाविक है कि उसकी सेवाएं पेंशन नियम से शासित होगी। अदालत ने याचिकाकर्ता को अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत लाने वाले विभाग के आदेश को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया।