हिमाचल हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती को दी सशर्त मंजूरी, जानें पूरा मामला

चार सालों से फंसी जेबीटी भर्ती को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सशर्त मंजूरी दे दी है।

Update: 2022-05-08 03:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चार सालों से फंसी जेबीटी भर्ती को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सशर्त मंजूरी दे दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के इस आवेदन को स्वीकारते हुए कहा कि राज्य सरकार जेबीटी के पदों को एनसीटीई की ओर से जारी 28 जून 2018 की अधिसूचना के अनुसार ही भरे। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय पर ही जेबीटी भर्ती निर्भर करेगी। राज्य के महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट से इस मामले पर दोबारा विचार करने और सरकार को इन पदों को भरने की अनुमति मांगी थी। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामले पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई की ओर से निर्धारित नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को यह आदेश भी दिए थे कि वह 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे।

कोर्ट के फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्री धारक फि र से इन पदों की दौड़ से बाहर हो गए थे। बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए योग्य समझा जाए। वो बीएड डिग्री धारक होने के साथ टेट उत्तीर्ण भी हैं और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं। ज्ञात रहे कि एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए सशर्त पात्र बनाए गए हैं। उन्हें नियुक्ति प्राप्त करने के बाद 6 महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना होगा।
जेबीटी अध्यापकों के भरे जाने हैं 617 पद
हिमाचल प्रदेश में बीते करीब चार वर्षों से जेबीटी भर्ती प्रक्रिया फंसी हुई है। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने दिसंबर 2018 को प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जेबीटी अध्यापकों के 617 पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए प्रदेश भर से करीब 42 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। 12 मई 2019 को लिखित परीक्षा ली गई। लिखित परीक्षा में 30 हजार से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित हुए लेकिन बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के न्यायालय में चले जाने के कारण भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लग गया।
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