जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली परियोजनाओं के निर्माण में देरी पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस श्रेणी में 26 परियोजनाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया है। आबंटन के बाद इन परियोजनाओं का निर्माण शुरू नहीं हो पाया था। इन परियोजनाओं की लिस्ट तैयार हो चुकी है। हालांकि इस लिस्ट में 32 परियोजनाएं हैं, लेकिन इनमें से छह को सरकार ने एक मुश्त रियायत देने का फैसला किया है, जबकि 26 परियोजनाओं को मंत्रिमंडल ने शुरू होने में देरी पर सवाल उठाते हुए इन्हें रद्द करने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश में 224 बिजली परियोजनाएं मंजूर की गई थी। इनमें से 191 परियोजनाओं के निर्माताओं ने निर्माण की इच्छा जाहिर की है। इन परियोजना संचालकों की ओर से एसआईए पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, जबकि 32 परियोजनाएं इन हस्ताक्षर से फिलहाल छूट रही हैं।
सरकार ने लंबित परियोजनाओं को शुरू करने के लिए नवंबर, 2020 में एक मुश्त रियायत का फैसला किया था, लेकिन अभी तक यह परियोजनाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। यही वजह है जो अब इन परियोजनाओं को रद्द करने की तैयारी कर ली गई है। अब इन परियोजनाओं के संबंध में मंत्रिमंडल में भी चर्चा हो चुकी है। इसमें कनेक्शन एग्रीमेंट और बिजली खरीद अनुबंध पर जिन परियोजनाओं ने हस्ताक्षर नहीं करवाए हैं, उन्हें 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। यदि परियोजना निर्माता इस मोहलत में भी अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं कर पाता है और जांच के दौरान इसके लिए वह दोषी नहीं है, तो प्रशासन कंपनी को अतिरिक्त समय देने के लिए बाध्य होगा। वहीं मंदी की वजह से बिजली परियोजना के क्षेत्र में उतरी ज्यादातर कंपनियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।(एचडीएम)
काम लटकाने पर कार्रवाई
ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजनाओं को लेकर चर्चा होने की बात कही है। उन्होंने बताया इन परियोजनाओं को जल्द शुरू करवाने के लिए सरकार आगामी कदम उठा रही है और इनमें जो परियोजनाएं ठंडे बस्ते में जा चुकी हैं, उनके आबंटन को रद्द करने की प्रक्रिया भी शामिल की गई है, जबकि छह परियोजनाओं को एक मुश्त रियायत का फैसला लिया गया है। इससे इन परियोजनाओं को शुरू करने में आगामी दिनों में आसानी होगी।