हिमाचल सरकार ने लिया फैसला: नए संशोधित वेतनमान के लिए कर्मचारियों को विकल्प देने की तिथि बढ़ाई
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को नए संशोधित वेतनमान लेने के लिए और मोहलत दी गई है।
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को नए संशोधित वेतनमान लेने के लिए और मोहलत दी गई है। अब नियंत्रक अधिकारियों या संवितरण एवं आहरण अधिकारियों तक कर्मचारी 15 फरवरी तक अपने विकल्प सुझा सकेंगे कि उन्हें किस तरह से वेतनचाहिए। प्रदेश में कर्मचारियों से तीन तरह के विकल्प मांगे जा रहे हैं। इनमें से एक विकल्प बेसिक वेतन में 2.25 के गुणक से वेतन बढ़ोतरी का है तो दूसरा 2.59 के गुणक से बढ़ोतरी का है। अब मुख्यमंत्री तीसरे विकल्प की घोषणा भी कर चुके हैं। यह विकल्प भी संभवतया पंजाब सरकार की तर्ज पर ही 15 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी का दिया जा रहा है। हालांकि, इसे अभी अधिसूचित किया जाना है।
प्रदेश सरकार ने तीन जनवरी को नए संशोधित वेतनमान की अधिसूचना जारी कर प्रदेश के सभी नियमित पात्र कर्मचारियों से 2.25 या 2.59 में से किसी एक गुणक के आधा पर नए वेतनमान का चयन करने को कहा था। इसके लिए दो फरवरी तक एक महीने के भीतर विकल्प मांगे गए थे। लेकिन कर्मचारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग अभी तक विकल्प नहीं दे पाया है। कर्मचारियों ने तीसरा विकल्प देने के लिए भी दबाव बनाया है, जिसे मुख्यमंत्री ने 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस पर घोषित किया है। अभी तक यह स्पष्ट तो नहीं किया गया है कि पहले दो विकल्पों की तरह यह तीसरा विकल्प भी बेसिक वेतनमान और डीए में सीधे तौर पर 15 फीसदी बढ़ोतरी का होगा या फिर इसमें कुछ बदलाव होंगे। आगामी दिनों में इस बारे में भी अलग से निर्देश जारी किए जाने हैं।
विकल्प भेजने की अवधि बढ़ाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त ने सभी विभागाध्यक्षों, प्रशासनिक सचिवों और तमाम अधिकारियों को नए निर्देश जारी किए हैं। महज 15 से 20 फीसदी कर्मचारियों को ही मिल पाएगा नया संशोधित वेतनमान जनवरी महीने में सभी विभागों के डीडीओ से कोषागारों में विकल्पों की सही जानकारी नहीं दिए जाने से अब तक महज 15 से 20 फीसदी कर्मचारियों से ही संशोधित वेतनमान के विकल्प मिल पाए हैं। यानी इतने कर्मचारियों का ही संशोधित वेतनमान बन पाएगा। बाकी कर्मचारियों को अगले महीने के लिए इंतजार करना होगा। ऐसे कर्मचारियों को जनवरी महीने का उस हिसाब एरियर दिया जाएगा, जिस तरह से उन्होंने विकल्प को चुना है।