शिक्षकों को हिमाचल शिक्षा विभाग ने दिया तोहफा, 250 टीजीटी-लेक्चरर बने हैडमास्टर
प्रदेश के स्कूलों में पदोन्नति की राह ताक रहे 250 टीजीटी व स्कूल लेक्चरर को शिक्षा विभाग में पदोन्नति का तोहफा दे दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के स्कूलों में पदोन्नति की राह ताक रहे 250 टीजीटी व स्कूल लेक्चरर को शिक्षा विभाग में पदोन्नति का तोहफा दे दिया है। शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को पदोन्नत का मुख्य अध्यापक बनाया है। पदोन्नति के साथ ही में नए स्थानों पर तैनाती दी है। पदोन्नत हुए शिक्षकों को 27 सितंबर तक ज्वाइन करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि तय समय पर ज्वाइन करें, नहीं तो पदोन्नति आदेश रद्द कर दिए जाएंगे। अगले साल ही पदोन्नति सूची में फिर नाम आएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ज्वाइनिंग टाइम में कोई छूट नहीं मिलेगी। पिछले काफी समय से ये शिक्षक पदोन्नति की राह ताक रहे थे।
मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते यह प्रक्रिया रुकी हुई थी। वही अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत का 250 अध्यापकों को मुख्य अध्यापक प्रोमोशन देने के लिए आभार व्यक्त किया है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर सहित प्रांत के सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने आभार व्यक्त किया है। मामराज पुंडीर ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि इतनी प्रोमोशन हुई होगी। कुछ दिन पहले 845 प्रवक्ताओं की प्रोमोशन हुई थी और आज 250 मुख्य अध्यापकों की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मांगों को पूरा करने के लिए अभी अध्यापकों की तरफ से धन्यवाद किया है। (एचडीएम)
संशोधित वेतनमान पर फिर विचार करे प्रदेश सरकार
शिमला। प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत सी एंड वी का कहना है कि प्रदेश सरकार ने संशोधित वेतनमान की अधिसूचना जारी की है, इससे खासतौर पर किसी भी सी एंड वी अध्यापक को कोई विशेष वित्तीय लाभ नहीं हो रहा है। समस्त कार्यकारिणी इस बारे में प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस अधिसूचना पर पुनर्विचार करने की मांगी की है। इससे पहले भी अध्यापक वर्ग 2012 से आज तक गलत फिक्शेसन या स्केल बंद करने के आदेशों के पश्चात, प्रति माह चार से बारह हजार रुपए कम वेतन ले रहा है। जिन कर्मचारियों को 2012 में बढ़ी हुई ग्रेड पे मिली उन्हें 4-9-14 से वंचित होना पड़ा। जो कर्मचारी 3200 की ग्रेड पे में नियुक्त हुए, उन्हें 2 साल के बाद 4400 ग्रेड-पे मिली, परंतु नए वेतनमान में 2.59 के गुणांक के लाभ के लिए दोबारा 3200 ग्रेड-पे के अनुसार वेतन निर्धारण करवाना पड़ा। संघ के महासचिव देव दत्त शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री अवश्य ही कर्मचारी हित की इस उचित मांग को पूरा करेंगे।