हिमाचल: मंदिरों में चैत्र मेले के चलते कोर्ट आदेशों की उड़ा रही धज्जियां
हिमाचल में इन दिनों होली मेलों (Holi Fair) के साथ ही मंदिरों में चैत्र मेले चल रहे हैं।
ऊना। हिमाचल में इन दिनों होली मेलों (Holi Fair) के साथ ही मंदिरों में चैत्र मेले चल रहे हैं। इन मेलों में आने वाले लाखों श्रद्धालु (Devotees) आस्था के नाम पर मौत का सफर कर रहे हैं। इन मेलों में पहुंचने वाले अधिकतर श्रद्धालु मालवाहक वाहनों में सफर करके माननीय न्यायालय के आदेशों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे है साथ ही अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा रहे है। इस पर लगाम लगाने की बजाय सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है।
बता दंे कि जिला ऊना (Una) में स्थित डेरा बाबा बड़भाग सिंह में चल रहे सुप्रसिद्ध होला मोहल्ला मेले के साथ साथ बाबा बालक नाथ के चैत्र मेले और पीरनिगाह मेले में बाहरी राज्यों से लाखों श्रद्धालु मालवाहक वाहनों (Goods Vehicles) में पहुंच रहे हैं। मालवाहक वाहनों में यात्रियों को लाने व ले जाने के इस सफर पर नुकेल कसने में ऊना पुलिस नाकाम साबित हो रही है। माननीय हाईकोर्ट के आदेशों (High Court Order) के बावजूद जिला ऊना में आस्था के नाम पर मौत का सफर बदस्तूर जारी है। जिला के प्रवेश बैरियरों से पुलिस की नाक तले रोजाना सैंकड़ों मालवाहक वाहन श्रद्धालुओं को भरकर गुजर रहे है, लेकिन पुलिस अधिकारी व ट्रैफिक कर्मी इस पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। महज कुछ सौ रुपए का जुर्माना कर मौत की इस सवारी को कानूनी मान्यता दी जा रही है।
पुलिस की ढील के कारण ही दर्जनों अवैध वाहन हिमाचल की सीमा (Himachal Border) में आकर पहाड़ी सफर कर रहे हैं, जिससे हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। हैरानी यह है कि ट्रकों व ट्रालियों में लकड़ी के फट्टे लगाकर इनको डबल डेक्कर बनाया जा रहा है और इसमें श्रद्धालुओं को भेड़-बकरियों की तरह ढूंसा जा रहा है। एक-एक गाड़ी में 50 से 80 के बीच श्रद्धालु जान हथेली पर रखकर मौत का यह सफर कर रहे हैं। हर बार दावे करने के बावजूद प्रशासन सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाने का काम कर रहा है। प्रशासन की कुंभकर्णी नींद टूटने के लिए शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। जब इस बारे एसपी ऊना (SP Una) अर्जितसेन ठाकुर से बात की गई तो उनसे वो ही रट्टा रटाया जवाब मिला की पुलिस ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।