हिमाचल कैबिनेट ने हाउस बिल्डिंग एडवांस किया दोगुना, कर्मचारियों को घर बनाने के लिए अब मिलेंगे 15 लाख,
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की दरों, पात्रता और अधिकतम सीमा में संशोधन को मंजूरी प्रदान की।

फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की दरों, पात्रता और अधिकतम सीमा में संशोधन को मंजूरी प्रदान की। एचबीए की अधिकतम सीमा अब मूल वेतन का 25 गुणा होगी। इसमें अधिकतम 15 लाख रुपए तक के नए निर्माण या नए घर एवं फ्लैट की खरीद और राशि चुकाने की क्षमता की शर्त लागू रहेगी। पहले यह राशि 7.50 लाख थी। घर बनाने की कुल प्रोजेक्ट की सीलिंग भी अब बढ़ाकर 60 लाख कर दी गई है। मंत्रिमंडल ने कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को राहत के रूप में न्यूनतम 55000 रुपए और अधिकतम 1.50 लाख रुपए का प्रावधान करने का निर्णय लिया। अनुबंध कर्मचारियों के परिजनों के लिए न्यूनतम 35000 और अधिकतम एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। एक्सग्रेशिया की राशि को पीडि़त परिवारों को राहत देने के लिए बढ़ाया गया है। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के निचले और मध्य क्षेत्रों के किसानों को लाभान्वित करने के लिए निजी भूमि से खैर के पेड़ों के कटान की नीति की समीक्षा करने को स्वीकृति प्रदान की। अब निजी भूमि से खैर काटने के लिए 10 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए चाइल्ड एडॉप्शन लीव को 84 दिनों से बढ़ाकर 180 करने का मामला कैबिनेट में चर्चा में आया, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। बैठक के दौरान कांगड़ा जिला के राजकीय महाविद्यालय थुरल में शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों के 10 पदों को भरने का निर्णय भी लिया गया। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर जिला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के उच्च विद्यालय ठठल जंगल को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला और मंडी जिला के अनाह तथा खाबलेच के मिडल स्कूलों को हाई स्कूलों के रूप में अपग्रेड करने के साथ-साथ आवश्यक पदों के सृजन का निर्णय लिया।