निर्माण को हटाने के लिए हाईकोर्ट ने दिए आदेश, चंबा चौगान किनारे अवैध कब्जे हटाएं
शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने चंबा प्लानिंग क्षेत्र में विकास योजना का उल्लंघन कर बनाए गए सभी निर्माणों को गिराने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण पाए जाने पर एक माह के भीतर नोटिस जारी करने से लेकर जांच की प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात व्यक्ति विशेष अथवा सरकारी विभाग द्वारा किए गए अवैध निर्माण और कब्जों को हटाना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों में जारी किए जा रहे हैं, अत: अवैध कब्जे हटाते समय नगर निगम अधिनियम के तहत प्रक्रिया को अपनाने की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने संबंधित दीवानी, राजस्व और अन्य अदालतों को हाई कोर्ट के आदेशों पर अमल को लेकर कार्रवाई के खिलाफ मामले पंजीकृत न करने के आदेश भी दिए।
हाई कोर्ट ने चंबा के चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा द्वारा दुकानों का निमार्ण किए जाने के मामले में संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने कला क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार विजेता विजय शर्मा की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किए। खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव नगर नियोजन, डीसी चंबा और नगर परिषद चंबा से प्रार्थी के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है। पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि नगर परिषद चंबा द्वारा चंबा के चौगान के चारों तरफ दुकानों का निमार्ण किया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2007 में जारी अधिसूचना के तहत चंबा के चौगान के चारों तरफ किसी भी प्रकार के निमार्ण पर रोक लगाई गई है।