हाई कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ को दिए आदेश, अवैध डंपिंग पर अफसरों पर कसें शिकंजा

Update: 2023-07-05 18:25 GMT
शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ को उन अफसरोंं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए है, जिनके समय में ठेकेदारों ने मोटला नाला जिला कुल्लू में मलबे की अवैध डंपिंग की। कोर्ट ने पाया कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सडक़ निर्माण करने वाले ठेकेदारों ने नाले में अवैध डंपिंग की है। कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट 31 जुलाई को तलब की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि वह दो सप्ताह के भीतर नाले के आसपास के मलबे को हटाएं और ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता के शपथपत्र का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि नाले के पास ही ठेकेदार को डंपिंग के लिए पांच जगह चिन्हित की गई है। अदालत ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि पीने के पानी के टैंक से ऊपर की तरफ ही सभी डंपिंग जगह चिन्हित करना कोई समझदारी का काम नहीं है। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्रााधिकरण और लोक निर्माण विभाग की ओर से दायर रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इस सभी अवैध डंपिंग के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है। मलबे से घरों और गोशालाओं को भारी नुकसान हुआ है। कई घरों में अभी तक भी मलबा भरा हुआ है, जिन्हें अब छोड़ दिया है। कोर्ट को बताया गया कि जुलाई 2021 और अगस्त 2022 के महीने में भारी बारिश के कारण मोटला गांव में मलबा जमा हो गया था। याचिकाकर्ता संजीवन सिंह की याचिका में आरोप लगाया है कि ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग की लापरवाही की वजह से पूरे गांव में मलबा भर गया है।
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