चम्बा। चम्बा जिले में ग्रामीण डाक सेवक मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल के चलते डाकघरों में कामकाज प्रभावित हुआ। इससे उपभोक्ताओं को काफी मुश्किलें उठानी पड़ीं। हड़ताल के चलते कर्मचारियों ने मुख्य डाकघर चम्बा के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी संघ के आह्वान पर किया गया। इस मौके पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। संघ के जिला प्रधान बसंत सिंह राणा ने बताया कि जिलेभर में 204 डाकघर हैं। इन सभी डाकघरों में 400 से अधिक ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर रहे। उन्होंने बताया कि बदलते हुए परिदृश्य में ग्रामीण डाक सेवकों ने विपणन कौशल विकसित किया है। अपने ड्यूटी के घंटों के अलावा भी विभाग के लिए व्यवसाय किया। नैटवर्क की समस्या के चलते सुबह जल्दी काम शुरू कर देते हैं और देर शाम तक काम खत्म होने तक ड्यूटी करते हैं।
उन्होंने विभाग व केंद्र सरकार से मांग की है कि उनकी सेवाओं को तुरंत नियमित किया जाए और नियमित कर्मचारियों के समान विभागीय दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकतर ग्रामीण डाक सेवक 5 से 9 घंटे अधिक काम करते हैं। वे बिना किसी भेदभाव के विभागीय कर्मचारियों द्वारा प्राप्त सभी लाभों जैसे अवकाश, एचआरए, टीए, डीए, पैंशन, चिकित्सा व शिक्षा आदि सुविधाओं के लिए पात्र हैं। उन्होंने मांग की है कि सस्ती श्रम प्रणाली को बंद किया जाए। इसके अलावा समूह बीमा को 5 लाख रुपए तक बढ़ाया जाए। जीडीएस ग्रैच्युटी को 5 लाख रुपए तक बढ़ाया जाए और सवैतनिक अवकाश को 180 दिन से बढ़ाकर नकदीकरण किया जाए। ग्रामीण डाक सेवक और उनके परिवार को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने सहित सभी मांगों को पूरा किया जाए। बसंत सिंह राणा ने बताया कि यह एक सांकेतिक हड़ताल व प्रदर्शन था। अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिसम्बर में वे अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे।