सरकार ने बेजुबानों के इलाज के लिए शुरू की परियोजना, पशुओं के लिए घर आएगी संजीवनी
शिमला
हिमाचल प्रदेश में पशुओं का इलाज अब घर पर ही होगा। पशुओं के बीमार होने पर उन्हें पशु औषधालय ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में पशुओं के घर-द्वार पर इलाज के लिए नई पहल करने जा रही है। संजीवनी परियोजना के माध्यम से प्रदेश के 44 विकास खंडों में पशु मोबाइल क्लीनिक की सुविधा शुरू की जा रही है। सिर्फ एक फोन कॉल पर ही पशुओं को घर पर इलाज मिलेगा। प्रदेश में कुल पशुधन आबादी लगभग 44.10 लाख है और इनकी देखभाल प्रत्येक ग्रामीण परिवार का एक अनिवार्य हिस्सा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है कि पशुधन को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान किया जाए और पशुपालकों को पशु औषधालयों पर जाने और गुणवत्तापूर्ण दवाओं का लाभ उठाने जैसे अतिरिक्त खर्चों से बचाया जाए।
इस उद्देश्य से प्रदेश में ‘संजीवनी’ परियोजना आरंभ की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश के 12 जिलों में स्थित 44 खंडों में किसानों को सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। राज्य में केंद्रीकृत कॉल सेंटर को इन 44 मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस के साथ एकीकृत किया जाएगा। इससे पशु औषधालयों तक जाने और बीमार पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाएं प्राप्त करने पर किसानों का अतिरिक्त खर्च व समय बच सकेगा। इस योजना के तहत पशुपालकों के लिए विभिन्न पशु चिकित्सा सेवाएं सिर्फ एक फोन कॉल पर उपलब्ध होंगी।
यहां बनेगा कॉल सेंटर
परियोजना के तहत पशुधन से संबंधित विभिन्न मामलों के लिए निदेशालय स्तर पर एकीकृत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र पशुपालकों को टेली-मेडिकल-परामर्श, सरकारी योजनाओं, पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम, शिकायत निवारण, प्रश्न-समाधान आदि जैसे विभिन्न पहलुओं पर व्यक्तिगत सहायता प्रदान करेगा।
इंडसइंड बैंक से एमओयू
पशुपालन विभाग ने ‘संजीवनी’ परियोजना के लिए इंडसइंड बैंक की सहायक कंपनी भारत फाइनांसियल इन्क्लूजन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम-पशुपालन विभाग-मोबाइल पशु चिकित्सा वैन के तहत ‘संजीवनी’ परियोजना घर-घर तक पशुधन देखभाल सुविधा सुनिश्चित करेगी ।