ग्रामीण क्षेत्रों में हुए नुकसान की मरम्मत के लिए सरकार ने दी मंजूरी, गांवों के जख्मों पर मरहम लगाएगी मनरेगा

Update: 2023-07-13 17:07 GMT
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों हुए नुकसान की भरपाई के लिए मनरेगा के तहत मरम्मत करने को सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी है। इस बारे में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से बुधवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि बिना ग्राम सभा व जिला परिषद की अनुमति के तुरंत प्रभाव से जिला उपायुक्त ऐसे मामलों को मनरेगा के तहत मरम्मत करने के लिए स्वीकृति प्रदान करेंगे। हालांकि बाद में पंचायत ग्राम सभा, पंचायत सचिव व जिला परिषद से इसके लिए कार्योत्तर स्वीकृति लेनी पड़ेगी। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि आपदा से ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति की मरम्मत मनरेगा के तहत की जा सकेगी। मनरेगा के तहत एक लाख रुपए तक की सीमा के व्यक्तिगत कार्य किए जाएंगे। प्राकृतिक आपदा व दुर्घटना के कारण क्षतिग्रस्त संपत्ति के मरम्मत व रखरखाव के लिए जिला उपायुक्तों की ओर से शेल्फ तुरंत प्रभाव से मंजूर किए जाएंगे। अगर कोई किसी संपत्ति का निर्माण पहले मनरेगा के तहत किया गया है, अब उनकी दोबारा से रिपेयर करनी है, तो उसमें सिर्फ उन्ही संपत्तियों को शामिल किया जाएगा, जिनका निर्माण कार्य पांच से 10 साल पहले पूरा हो चुका था। वहीं ऋग्वेद ठाकुर, निदेशक, ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों हुए नुकसान की भरपाई के लिए मनरेगा के तहत मरम्मत करने को सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी है। इस बारे में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। बिना ग्राम सभा व जिला परिषद की अनुमति के तुरंत प्रभाव से जिला उपायुक्त ऐसे मामलों को मनरेगा के तहत मरम्मत करने के लिए स्वीकृति प्रदान करेंगे।
डंगे लगाने को भी मिलेंगे एक लाख
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मनरेगा के तहत व्यक्तिगत कार्यो के लिए एक लाख रुपए की राशि जारी की जाती है। डंगे के निर्माण व मरम्मत के लिए पहले 50 हजार रुपए तक की राशि ही प्रदान की जाती थी। ऐसे में अब डंंगे के निर्माण के लिए भी एक लाख रुपए तक की राशि प्रदान की जाएगी।
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