भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दल ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, भूस्खलन के कारणों की खोज
मंडी: मंडी जिले में बरसात में विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं को देखते हुए भूगर्भीय सर्वेक्षण सोमवार से शुरू हो गया है। इसके लिए सोमवार को मंडी पहुंचे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के दो सदस्यीय दल ने पहले दिन आईआईटी मंडी के प्राध्यापकों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मंडी नगर, मंगवाई, टारना, संयारड़ी तथा आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने टारना में जलशक्ति विभाग कार्यालय भवन में आई दरारों के अलावा एसपी आवास तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश आवास का मुआयना भी किया। मंगलवार को सरकाघाट के जुकैण तथा बुधवार और गुरुवार को धर्मपुर क्षेत्र के रिउर में सर्वेक्षण करने के बाद शुक्रवार को दल डीसी मंडी के साथ बैठक करेगा।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के दल में विज्ञानी श्रेयसी महापात्रा और वांग्शीतुला ओझुकम शामिल हैं। संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान आईआईटी मंडी के जियोस्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक डा. आर प्रसन्ना तथा डा. रजनीश शर्मा, एसडीएम सदर मंडी ओमकांत ठाकुर के अलावा नगर निगम मंडी, विद्युत बोर्ड, लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के अधिकारी साथ रहे। जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने बताया कि इस बार बरसात में प्रदेश में जिस तरह से भूस्खलन और भू धंसाव की अत्यधिक घटनाएं हुई हैं, उन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जियोलॉजिकल सर्वे करवा के इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। इसलिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम, आईआईटी मंडी के प्राध्यापकों के साथ मिलकर मंडी में पूरी गहनता से सर्वेक्षण कर रही है। (एचडीएम)