59 दिन बाद भी एसीसी की तालाबंदी नहीं खुलने के चलते रोष, टूटा सब्र का बांध, ट्रक आपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

Update: 2023-02-12 08:23 GMT
बिलासपुर
एसीसी बरमाणा में तालाबंदी को हुए 59 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन यह तालाबंदी नहीं खुल पाई है। वहीं, अब बीडीटीएस बरमाणा के ट्रक आपरेटरों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आपरेटरों ने आंदोलन के चलते शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसे आपरेटरों ने पक्का मोर्चा का नाम दिया है। अब आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक एसीसी सीमेंट प्रबंधन, अडानी ग्रुप से चल रहा विवाद खत्म नहीं हो जाता है। पहले दिन अनिश्चिकालीन हड़ताल में वार्ड नंबर एक से नयनादेवी से बाबूराम, शिव कुमार, धमेंद्र सिंह, गुलशन कुमार, राजेंद्र सिंह, गुरदेव सिंह, नसीब सिंह, ईश्वर सिंह क्रमिक अनशन पर बैठे। जानकारी के अनुसार बीडीटीएस बरमाणा की ओर जल्द ही सीमेंट सप्लाई बंद करने को लेकर बॉर्डर सील किए जा सकते हैं। इसके लिए बाकायदा बीडीटीएस की ओर से कमेटियां बनाई जाएंगी। यही नहीं, अभी तक शुरुआती दौर में बीडीटीएस से संबद्ध आपरेटरों ने एसीसी, अंबूजा डिपो होल्डरों ने सीमेंट बेचना बंद कर दिया है। इसके अलावा अन्य सीमेंट डिपो होल्डर भी आपरेटरों के पक्ष में आएंगे। दूसरी ओर आपरेटरों की ओर से क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। आपरेटरों का कहना है कि अडानी ग्रुप की ओर से ढुलाई किराए को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
अडानी ग्रुप की ओर से ढुलाई किराया बहुत ही कम बताया जा रहा है, जो कि आपरेटरों को मान्य नहीं है। इसके चलते अब हड़ताल शुरू कर दी है। आपरेटरों का कहना है कि यदि जल्द ही ओर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आपरेटरों का यह आंदोलन हर दिन उग्र रूप धारण करता जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार, प्रशासन, अडानी ग्रुप की होगी। आपरेटरों ने कहा कि उनके सब्र बांध टूट चुका है, जिसके चलते इस मसले को गंभीरता से देखते हुए नेताओं को भी उचित कदम उठाने चाहिएं। ताकि ऑपरेटरें को नुकसान न झेलना पड़े। लेकिन इस मसले को लेकर अभी तक गंभीरता नहीं दिखाई गई। सभी स्तर की वार्ताएं महज औपचारिकता ही बनी हुई हैं। उधर, इस बारे में बीडीटीएस बरमाणा के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि अभी तक ऑपरेटरों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिसके चलते अब आपरेटरों ने आंदोलन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि आपरेटरों के हितों को देखते सरकार, प्रशासन को भी उचित कदम उठाने चाहिए, लेकिन अभी तक आपरेटरों को मायूसी ही हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि आपरेटरों का आंदोलन जल्द ही उग्र रूप धारण कर लेगा।
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