रिटायर्ड फौजी से 14 लाख की ठगी, शातिर पकड़ाया

Update: 2023-01-06 17:04 GMT
पांवटा साहिब, 06 जनवरी : रिटायर्ड फौजी से 14 लाख की ठगी करने वाला शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय शर्मा (39) को वीरवार रात 10 बजे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी के खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में ला रही है।
आरोपी 2020 से रिटायर फौजी आईसीआईसी बैंक में सुपरवाइजर की नौकरी देने की आड़ में ठगी कर रहा था। पांवटा साहिब के डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ये है पूरा मामला
पांवटा साहिब के किशन कोट के रहने वाला फौजी नरेश कुमार को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में सुपरवाइजर की नौकरी देने का झांसा देकर करीब 13 से 14 लाख रुपए हड़प लिए गए थे। पुलिस ने शिकायत पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
बता दें कि संगठित गिरोह में पीड़ित व्यक्ति से अलग-अलग लोगों द्वारा बात भी करवाई जाती है, इसमें महिलाओं को भी शामिल किया जाता है। विश्वास जीतने के लिए एक सदस्य यह भी बताता है कि वह हिमाचल प्रदेश का रहने वाला या रहने वाली है। धोखाधड़ी की शुरुआत सितंबर 2021 से शुरू हुई।
कॉलर ने नरेश को बताया कि वह आईसीआईसीआई बैंक के कॉर्पोरेट ऑफिस के एचआर विभाग (HR Department) से बोल रहा है। कॉलर ने कहा कि आप सेना से रिटायर हैं,नरेश के हामी भरने पर उसे बताया गया कि बैंक द्वारा सेना से रिटायर लोगों को नौकरी पर रखा जाता है।
बैंक की नाहन शाखा में सुपरवाइजर का पद रिक्त है, इसी सिलसिले में कॉल की गई है। कॉलर ने नरेश को कॉरपोरेट ऑफिस का पता बांद्रा मुंबई बताया। कॉलर ने इस हद तक नरेश का विश्वास जीत लिया था कि वह पैन कार्ड, आधार कार्ड, मार्कशीट व पासपोर्ट साइज फोटो इत्यादि भी गिरोह को भेज बैठा।
शुरुआत फाइल बनाने की राशि से हुई, पहली बार 4000 भेजने को कहा गया। गूगल पे के माध्यम से नरेश ने राशि भेजी। गिरोह के सदस्य समझ चुके थे कि नरेश कुमार काफी हद तक झांसे में आ चुका है।
एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी नरेश को भेजा गया, जिसमें यह दर्शाया गया कि आपकी 4000 की राशि बताओ राशि सिक्योरिटी मिल चुकी है। इसके बाद 12500 मांगे गए। क्रमबद्ध तरीके से मेडिकल, पुलिस वेरिफिकेशन इत्यादि का शुल्क यह कह कर मांगा जाने लगा की राशि रिफंडेबल है। वेतन के साथ वापस हो जाएगी। सिलसिला जारी रहा।
इसी बीच एक महिला कॉलर ने खुद को स्नेहा के नाम से परिचित करवाते हुए कहा कि वह एचआर विभाग की प्रबंधक है। अगले दिन भी उसी नंबर से फोन आया लेकिन इस बार महिला कॉलर ने अपना नाम दीक्षा मदान बताया साथ ही कहा कि वह शिमला की रहने वाली है। बैंक के मुंबई ऑफिस में जॉब करती है।
नरेश को यह भी बताया गया कि नियुक्ति पत्र की पीडीएफ फाइल भेजे जा रही है। जब लगातार ही अलग-अलग तरीकों से नरेश से पैसे मांगे जाने लगे तो माथा ठनकना शुरू हुआ, लेकिन तब तक नरेश कुमार 13 से 14 लाख रुपए की राशि शातिर ठगों को ट्रांसफर कर चुका था।
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