वन विभाग NH को भूमिगत बनाने के लिए NHAI को सौंपेगा प्रस्ताव, 250 करोड़ के चिडिय़ाघर में सुरंग बनाने की तैयारी
शिमला: कांगड़ा में 250 करोड़ के चिडिय़ाघर से सटे एनएच को सुरंग के रास्ते ले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। वन विभाग इस प्रस्ताव को एनएचएआई के सुपुर्द करेगा, ताकि चिडिय़ाघर पर एनएच का असर कम से कम हो। प्रधान मुख्य अरण्यपाल ( वन्यप्राणी) राजीव कुमार ने कहा कि प्रस्तावित स्थल को प्रभावित करने वाले भू-भागों में भूमिगत रास्ते बनाने के लिए एनएचएआई से आग्रह किया जाएगा। इसके साथ ही चिडिय़ाघर में 25 प्रतिशत जानवर विदेशी प्रजाति के होंगे। हिमाचल प्रदेश में लगभग 250 करोड़ रुपए की लागत से कांगड़ा में बड़ा चिडिय़ाघर बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए वन विभाग ने 190 हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया है।
इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन मई को एक अधिसूचना जारी कर प्रधान मुख्य अरण्यपाल ( वन्यप्राणी) प्रदेश की अध्यक्षता में चिडिय़ाघर को बनाने के लिए एक संचालन समिति का गठन किया है। प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) राजीव कुमार की अध्यक्षता में इस संचालन समिति ने 27 मई को बनखंडी में चयनित स्थल का दौरा किया और सलाहकार पंकज जैन ने उपरोक्त चिडिय़ाघर के निर्माण से संबंधित अंतिम रूप रेखा पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उसके बाद धर्मशाला में संचालन समिति ने चिडिय़ाघर के मास्टर लेआउट पर गहन मंथन किया और महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए। इसमें बनखंडी में प्रस्तावित स्थल को उपरोक्त चिडिय़ाघर के निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त पाया है।
हरी घास-मिट्टी से कवर होंगी चट्टानें
चिडिय़ाघर की कार्ययोजना और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में जानवरों के संग्रहण, कार्मिक योजना और बजट के प्रावधानों को शामिल करने, चट्टानी स्थल के लिए विस्तृत पुनर्वास योजना तैयार करने, सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद प्रस्तावित स्थल से बिजली की एचटी लाइनों को स्थानांतरित करने, प्रस्तावित स्थल से गुजरने वाली पानी की पाइपों को भी भूमिगत करने, सडक़ों का निर्माण जानवरों के लिए पिंजरों की आवाजाही के लिए, चट्टानों को मिट्टी व हरी घास से ढकने आदि निर्णय लिए।