पहली बार हिमाचल में इस साल एमआईएस के तहत हुई 23 हजार मीट्रिक टन सेब की खरीद
हिमाचल प्रदेश में इस बार मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब की रिकार्ड खरीद हुई हैं। पहली बार हिमाचल प्रदेश में एमआईअएस यानि मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 23 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में इस बार मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब की रिकार्ड खरीद हुई हैं। पहली बार हिमाचल प्रदेश में एमआईअएस यानि मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 23 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा गया है। प्रदेश में अभी तक इस सीजन में 23 हज़ार मीट्रिक टन से अधिक का सेब सभी एकत्रीकरण केंद्र के माध्यम से आ चुका है तथा उसे नीलामी केंद्रों में भेजा जा चुका है। हिमफैड के अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष सेब की बंपर क्रॉप होने के कारण हिमफैड के सभी केंद्रों में आज तक के सभी रिकार्डों को मात कर खरीदारी की जा चुकी है। पिछले वर्ष और इस वर्ष एमआईएस के सेब के समर्थन मूल्य में एक रुपए प्रति किलो की वृद्धि की है और पिछले चार वर्षों में समर्थन मूल्य 3.50 पैसे प्रति किलो की वृद्धि की जा चुकी है।
समर्थन मूल्य अच्छा होने के कारण अधिकतर बागबान अपने सी-ग्रेड सेब की हिमफैड के एकत्रीकरण केंद्र में ला रहे हैं, जिससे उनको पेटी पैकिंग का खर्चा बच रहा है और उन्हें 10.50 प्रतिकिलो समर्थन मूल्य मिल रहा है। हिमफैड के अध्यक्ष गणेष दत्त ने सभी ट्रांसपोर्टर्ज से भी आग्रह किया है कि वे सभी केंद्रों से दो दिन के भीतर जमा सेब को शीघ्र क्लेक्शन सेंटर तक पहुंचाएं। कई केंद्रों से इस बात की शिकायत आ रही है कि ट्रांसपोर्टर पांच से सात दिन तक एमआईएस के सेब को वक्त पर नहीं उठा रहे हैं, जिससे सेब सडऩे की संभावना बड़ रही है। गणेश दत्त ने कहा कि जो ट्रांसपोर्टर एमआईएस के सेब वक्त से नहीं उठाएंगे, तो उनके खिलाफ टेंडर की शर्तों के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसलिए सभी केंद्रों में पड़े सेब को शीघ्र उठाएं और शीघ्र ऑक्शन सेंटर तक पहुंचाएं।
चार करोड़ उत्पादन की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन आधे से ज्यादा समाप्त हो चुका हैं। वहीं मंडियों में अब तक करीब पौने करोड़ सेब की पेटियां पहुंच चुकी हैं। 70 लाख से ज्यादा पेटियां शिमला जिला की मंडियों में पहुंच चुकी हैं, जबकि पांच लाख के करीब पेटियां अभी तक किन्नौर जिला से मंडियों में आई हैं। इसके अलावा कुल्लू और मंडी जिला से आई हैं। बागबानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार सेब का व्यापार काफी ज्यादा है। बताया जा रहा है कि इस बार प्रदेश में सेब उत्पादन चार करोड़ को पार कर जाएगा, जबकि पिछले साल साढ़े तीन करोड़ से पहले ही से उत्पादन सिमट गया था। किन्नौर जिला से करीब 35 लाख पेटियों के आने का अनुमान है।