शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसीएच) के ‘कैफेटेरिया’ में बृहस्पतिवार को दो सिलेंडर फटने के कारण इमारत के एक हिस्से में आग लग गयी, जिसके उपरांत वहां से कम से कम 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। घटना के बाद मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण विभाग) संजय अवस्थी ने आईजीएमसीएच का दौरा किया और चिकित्सा अधीक्षक को इसकी जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर में रिसाव के कारण आग लगी और अस्पताल प्रशासन को लापरवाही के लिए कैफेटेरिया के मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया, जिसके बाद कैफेटेरिया के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 30.90 करोड़ रुपये की लागत से बने नये बहुमंजिला ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन गत नौ मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया था, जिसके लिए अब तक अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलना बाकी है।
आईजीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव ने बताया कि ये विस्फोट उस वक्त हुए जब बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं शुरू ही हुई थीं। उन्होंने बताया कि 15 से 20 मिनट के भीतर मरीजों समेत कम से कम 250 लोगों को अस्पताल के कर्मचारियों और अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। एक दमकल अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमें सुबह लगभग आठ बजकर 50 मिनट पर घटना की जानकारी मिली। माल रोड, छोटा शिमला और बोइलागंज से दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और आग को फैलने से रोका गया।’’ आग लगने के बाद इमारत से निकलता धुआं दूर से देखा जा सकता था। घटना के वक्त ओपीडी में मौजूद मरीजों ने बताया कि एक के बाद एक हुए दो धमाकों से वहां दहशत फैल गई। राव ने बताया कि ओपीडी सेवाओं को फिलहाल पुराने भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, हालांकि चिकित्सकों के पांच कक्ष, कैफेटेरिया और तीन लिफ्ट आग में क्षतिग्रस्त हो गए हैं और प्रारंभिक अनुमान के अनुसार लगभग 60 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि नवनिर्मित भवन में अग्निशामक और अन्य उपकरण उपलब्ध थे और दमकल कर्मियों के आने से पहले, इन उपकरणों का उपयोग आग बुझाने के लिए किया गया। इमारत में आपातकालीन इकाई, गहन देखभाल इकाई, विशेष वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और फिजियोथैरेपी वार्ड के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन, एक्स-रे, नमूना संग्रह और पैथोलॉजी लैब की सुविधाएं हैं।