नाबालिग बेटी के साथ दुराचार के आरोपी पिता को मिली ये सजा

आरोपी पिता को मिली सजा

Update: 2022-06-01 05:55 GMT
मंडी: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), जिला मंडी की अदालत ने नाबालिग के साथ दुराचार के दोषी आरोपी पिता को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है. जिला न्यायवादी मण्डी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक 03 मई 2020 को पीड़िता (13 वर्ष) की मां ने सम्बन्धित ग्राम पंचायत प्रधान और पीड़िता के साथ पुलिस थाना करसोग में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, कि पीड़िता 02 मई 2020 को अपनी सहेली के साथ खेलने गयी थी. तभी पीड़िता की मां को खबर मिली की पीड़िता रो रही है, जिस पर पीड़िता की मां ने उसके रोने का कारण पूछा तो उसने कुछ नहीं बताया.लेकिन पीड़िता की सहेली ने बताया कि पीड़िता ने उसके साथ यह बात सांझा की थी कि जब पीड़िता की मां घर में नहीं होती है तो उसका पिता उसके साथ दुराचार करता है और ऐसा वह 3-4 साल से करता आ रहा है. जब पीड़िता की मां ने (Father accused of molesting minor daughter) अपनी बेटी को प्यार से पूछा तो बेटी ने भी अपनी मां को उसके साथ दुराचार होने की बात बताई. वहीं, यह भी बताया कि 27 अप्रैल 2020 को भी उसके पिता ने उसके साथ दुराचार किया था और धमकी दी थी कि यदि इस बारे में किसी को भी बताया तो वह पीड़िता को जान से मार देगा.
पीड़िता की मां के उक्त बयान के आधार पर पुलिस थाना करसोग में दोषी के खिलाफ अभियोग 71/2020 दर्ज हुआ.इस मामले की छानबीन निरीक्षक रंजन शर्मा ने अमल में लायी. छानबीन पूरी होने पर थाना अधिकारी करसोग द्वारा मामले के चालान को अदालत में दायर किया. उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 18 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे. उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक, विनोद चौधरी और लोक अभियोजक नवीन राही द्वारा की गयी.
अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी हेत राम को भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 376AB के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50 हजार जुर्माने की सजा, भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 506(ii) के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ 2 हजार जुर्माने की सजा, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 20 वर्ष के साधारण कारावास की सजा के (Father accused of molesting minor daughter) साथ 50 हजार जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 3 से 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई. सुनाई गयी सभी सजाएं साथ- साथ चलेंगी.
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