शिमला। हिमाचल में अब फर्जी व दोहरे राशन कार्डों की सख्ती से जांच होगी और पात्र उपभोक्ताओं की ही सही पहचान कर लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड व विभाग द्वारा आधार सीङ्क्षडग का काम लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में अब पात्र उपभोक्ताओं की पहचान करने में आसानी होगी। वहीं फर्जी और दोहरे राशन कार्डों की जांच होगी। प्रदेश सरकार पारदर्शी और तत्पर प्रशासन की परिकल्पना के साथ जन कल्याण की दिशा में कार्य कर रही है। निगम प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के 117 थोक गोदामों का एक मजबूत नैटवर्क है और राज्य में खुदरा उचित मूल्य की दुकानों की कुल संख्या 5078 है, जो राज्य की लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सबसे मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के रूप में स्थापित करती है। इन 5078 उचित मूल्य की दुकानों में से 3285 सहकारी क्षेत्र द्वारा, 19 उचित मूल्य की दुकानें पंचायतों द्वारा, 65 एच.पी.एस.सी.एस.सी. लिमिटेड द्वारा, 1685 उचित मूल्य की दुकानें व्यक्तिगत रूप से तथा 24 उचित मूल्य की दुकानें महिला मंडलों स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही हैं।
राज्य सरकार प्रणाली में दक्षता बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य वितरण प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण और स्वचालन को बढ़ावा प्रदान कर रही है। इस योजना में इसे और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए राशन कार्डों का डिजिटलीकरण शामिल है। अब तक 19.08 लाख राशन कार्डों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। पूरे राज्य में उचित मूल्य की दुकानों के स्वचालन के लिए सभी उचित मूल्य की दुकानों पर एंड्रॉयड आधारित डिवाइस भी स्थापित किए गए हैं। खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण लागू कर रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री की गुणवता का विशेष ध्यान रखने के लिए विभागीय अधिकारियों व क्षेत्रीय निरीक्षकों को थोक दुकानों, आटा चक्की व उचित मूल्य की दुकानों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पूरे राज्य में रसोई गैस का सुचारू वितरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है।