आबकारी-कराधान विभाग ने अप्रैल-मई में GST में दर्ज की 13 फीसदी बढ़ोतरी, दो महीनों में एक हजार करोड़ राजस्व
शिमला: आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी संग्रह में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। वित्तीय वर्ष के शुरुआती दो महीनों में विभाग ने जीएसटी के माध्यम से 1004 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने में सफलता हासिल की है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में अप्रैल और मई माह का कुल राजस्व 890 करोड़ रुपए था। आबकारी विभाग ने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के साथ ही जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी करने के लक्ष्य तय किए हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग ने समूचे वित्तीय वर्ष में 13 लाख ई-वे बिल की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें पहले दो महीनों में एक लाख 85 ई-वे बिल की जांच अभी तक हो चुकी है और इन बिलों की जांच के बाद विभाग ने 92 लाख रुपए का राजस्व अभी तक जुटा लिया है। ई-वे बिलों की जांच के लिए अधिकारियों को पूरे प्रदेश में तैनात किया गया है। जो भी वाहन सामान लेकर एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं, उनके बिलों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि 50 हजार रुपए तक के सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए ई-वे बिल की जरूरत पड़ती है। बीते साल बहुत से मामले ऐसे सामने आए थे।
इनमें बिना ई-वे बिल के सामान की ढुलाई की जा रही थी। इसे देखते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस बार 13 लाख वाहनों की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग हर महीने करीब एक लाख वाहनों की जांच करेगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के शुरुआती दो महीनों में ही आबकारी एवं कराधान विभाग एक करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के मुहाने पर पहुंच गया है। पहली तिमाही में ही ईवे बिल से प्रदेश भर में आबकारी विभाग डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व जुटा सकता है। आबकारी विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि विभाग ने जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विभाग के प्रशिक्षित अधिकारी अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर जीएसटी संग्रह का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने और अधिकारियों को प्रशिक्षित करते रहने की वजह से ही जीएसटी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आबकारी एवं कराधान विभाग तय वार्षिक लक्ष्य को हर हाल में हासिल करेगा।
(एचडीएम)