14 जुलाई से लापता युवक के शरीर का हरेक हिस्सा हुआ बरामद, जानिए पूरी खबर

Update: 2022-07-23 10:55 GMT

हिमाचल: 19 साल के युवक की नृशंस हत्या की वारदात में पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। बीती शाम पुलिस ने यह दावा किया था कि युवक का शव दो अलग-अलग हिस्सों में बरामद कर लिया गया है, लेकिन मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम की जांच के बाद थ्योरी पलट गई थी। इसमें पाया गया कि दूसरी बोरी में जो अवशेष बरामद हुए हैं, वो इंसानी नहीं है, बल्कि किसी जानवर के हो सकते हैं। दूसरे हिस्से की तलाश में पूरे इलाके में कांबिंग ऑपरेशन चला रही पुलिस को शुक्रवार सुबह अंकित के शरीर का अपर पार्ट भी बरामद हो गया है। इसकी तस्दीक फॉरेंसिक टीम से भी करवा ली गई है। देर दोपहर तक भी मौके पर फॉरेंसिक वैज्ञानिक जांच करने में जुटे हुए थे। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह ग्रामीण घास लेने गए हुए थे। इस दौरान उन्हें तेज दुर्गंध आई। तुरंत ही इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन चला रही पुलिस टीम को दी गई। मौके पर पुलिस द्वारा एक बोरी को बरामद किया गया। खोलकर देखने पर पाया कि युवक के अपर पार्ट को इसमें बंद कर ठिकाने लगाया गया था। युवक के सिर के बाल व अन्य अवशेष भी पुलिस ने बरामद किए हैं।

बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक एसआर राणा ने बताया कि नृशंस हत्या का मामला पूरी तरह से ब्लाइंड है। एसपी ने बताया कि वीरवार शाम दो बैग्स में अवशेष मिले थे। ऐसे में ये लगा था कि शरीर के दोनों पार्ट मिल गए हैं, लेकिन मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने एक बैग में इंसानी अवशेष न होने की बात कही थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह से शरीर के बाकी हिस्से की तलाश की जा रही थी, जिसमे धड़ बरामद हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने माना कि शक के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। दीगर है कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जनपद के समोह इलाके में पाॅलटैक्नीक के छात्र (19) का शव टुकड़ों में बरामद हुआ है। निचला हिस्सा वीरवार दोपहर को बरामद हुआ था।

यह सवाल: पुलिस को इस नृशंस हत्या में कई सवालों के जवाब की तलाश है। एक 19 साल के युवक ने ऐसा क्या कर दिया था कि इतनी बेरहमी से उसका कत्ल कर दिया गया। हत्या के पीछे क्या मकसद था, सनसनीखेज वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार कहां ठिकाने लगाया गया है, जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले कौन हैं, ये सवाल जस के तस हैं। बता दें कि मर्डर केस में पुलिस का मकसद सबसे पहले यह पता लगाने का होता है कि मकसद क्या था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट व फॉरेंसिक जांच के बाद ही यह बात साफ होगी कि युवक का मर्डर कब व कितने बजे हुआ था। प्रारंभिक तौर पर यह माना जा रहा है कि 14 -15 जुलाई को हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया गया था।

कमर से किए गए दो हिस्सेजांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि जिस वक्त अंकित के शरीर को दो हिस्सों में काटा गया, उस समय वो जीवित था या नहीं। एक थ्योरी यह भी सामने आ रही है कि पहले हत्या की गई होगी, इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे दो हिस्सों में बेरहमी से काट दिया गया। ताकि आसानी से शव के हिस्सों को अलग -अलग दिशा में फेंका जा सके। बता दे कि शुक्रवार को शरीर का दूसरा हिस्सा उस जगह से बिल्कुल विपरीत दिशा में मिला है, जहां निचला हिस्सा मिला था। इससे जाहिर होता है कि पुलिस की जांच को भटकाने के लिए ऐसा किया गया होगा। ये भी आशंका जाहिर की जा रही है कि फुलप्रूफ प्लानिंग में शव के हिस्सों को अलग-अलग दिन ठिकाने लगाया गया होगा। एक सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कमर से शरीर को दो हिस्सों में विभाजित किया गया।

ये आशंका: जांच से जुड़े सूत्रों ने आशंका जाहिर की है कि इस तरह की खौफनाक वारदात को खुले आसमान के नीचे अंजाम नहीं दिया गया होगा। बंद कमरे में पहले अंकित को मौत के घाट उतारा गया होगा। इसके बाद बेहद ही बेरहमी से शव को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र किया गया।

पुलिस के सामने चुनौती: खाकी के सामने इस सनसनीखेज हत्याकांड को क्रैक करने में चुनौतियां ही चुनौतियां हैं, क्योंकि वारदात को एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है। लिहाजा साक्ष्य जुटाना आसान नहीं है। बारिश में भी साक्ष्य नष्ट हो गए होंगे। इसके अलावा अपराधियों के सुरक्षित ठिकाने पर होने की भी संभावना है।

गौरतलब है कि किन्नौर में पुलिस अधीक्षक रहते हुए भी बिलासपुर के मौजूदा एसपी एसआर राणा ने एक सुनियोजित मर्डर केस को क्रैक करने में सफलता हासिल की थी। सुसाइड प्वाइंट से महिला के गिर कर मौत होने प्लानिंग की गई थी, लेकिन असल में महिला को एक गहरे षड्यंत्र के तहत धक्का देकर मौत के घाट उतारा गया था। ये षड्यंत्र पुलिस की पैनी नजर को धोखा नहीं दे सका था।   

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