ए-ग्रेड के बाद भी एनआईआरएफ रैकिंग में नहीं बना पाई जगह, टॉप-200 यूनिवर्सिटी से एचपीयू बाहर

Update: 2023-06-07 09:28 GMT
शिमला: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालयकेंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई देशभर की उम्दा इंजीनियरिंग संस्थानों, यूनिवर्सिटी और कालेज की राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की सूची जारी की गई है। इसमें 2023 के सर्वे में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का इस बार भी प्रदर्शन खराब रहा है। विवि इस बार भी पहले दो सौ विश्वविद्यालयों में भी जगह नहीं बना पाया है। 2020 से लेकर विवि का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। 2020 में हुए सर्वे में विवि का 169 रैंक था। 2021 में एचपीयू टॉप 200 की लिस्ट से बाहर हुआ। हिमाचल प्रदेश विवि इस बार भी एनआईआरएफ की राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में 200 से बाहर रहा है।
वहीं यूजीसी नैक की बात की जाए तो वर्ष 2003 में विवि की ओर से नैक की टीम बुलाई गई और बी प्लस ग्रेड मिला। वर्ष 2009 में फिर से नैक की टीम आई लेकिन ग्रेड घटकर बी हो गया। वर्ष 2016 में नैक की टीम आई और एचपीयू को एक ग्रेड मिला। वहीं वर्ष 2022 में फिर नैक की टीम आई, एचपीयू का ग्रेड बरकरार रखा गया। एचपीयू फिलहाल ए ग्रेड यूनिवर्सिटी हैं। ऐसे में टॉप 200 में ए ग्रेड के बाद भी एचपीयू अपनी जगह नहीं बना पाया है। एचडीएम
इन कमियों के चलते असर
छात्र सुविधा का विस्तारीकरण न कर पाना, अधिकतर शिक्षकों के इसी विश्वविद्यालय के पढ़ा होने से छात्रों को देश के नामी शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर आगे बढऩे के अवसर कम हैं। वहीं विश्वविद्यालय के औद्योगिक क्षेत्रों से दूर होने से कर्रिकुलम में समय अनुसार बदलाव नहीं ला पाना, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट की संभावनाओं का कम होना, अधिकतर छात्रों के लिए करियर के मायने सरकारी नौकरी पाना ही है। विश्वविद्यालय के विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ करार के न होने से छात्र, शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम का नहीं हो पाना, विवि परिवहन, छात्रावासों की सुविधा पर्याप्त न होना और खाली पद इसके लिए बड़े कारण रहे हैं।
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