परवाणू: कालका-शिमला नेशनल हाइवे-पांच की स्थिति अभी तक बेहतर नहीं हो पाई है, जिसका कारण हररोज हो रही बरसात है। शनिवार को नेशनल हाइवे-पांच चक्कीमोड़ पर जो ताज़ा हालात देखे गए, उसमें हाइवे विभाग की लगभग पांच-छह पोकलेन मशीनरी और जेसीबी हाई-वे रिस्टोर करने में लगी हुई है, लेकिन बरासत के कारण बार-बार मलबा आने से कार्य करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हाई-वे के बंद होने के कारण अंडे, दूध, फल सब्जियों व रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान की आवाजही सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है। फल-सब्जियां मंडियों में नहीं पहुंच पा रही हैं। इस कारण फल-सब्जियों के दामों में भी भारी उछाल आ गया है। शनिवार को भी वैकल्पिक मार्गों के जरिए यातायात जारी रहा। ऊपरी इलाकों को दूध व ब्रेड जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई भी वैकल्पिक मार्गों के जरिए जारी है। शनिवार को एनएचएआई के रीजनल ऑफिसर अब्दुल बासित और डायरेक्टर आनंद दहिया ने अपनी पूरी टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों को हौसला बनाए रखने और तेज़ी से हाई-वे रिस्टोर करने के बारे कहा है।
शनिवार को हाई-वे पांच चक्कीमोड़ की स्थिति में कुछ खासा सुधार देखने को नहीं मिला। अभी तक इस जगह पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं बन पाया है। हालांकि नेशनल हाई-वे की टीम दिन-रात हाईवे रिस्टोर करने में जुटी हुई है। इस दौरान टूरिस्ट की गाडिय़ों को भी वापस भेजा जा रहा है या वैकल्पिक रूट पर डायवर्ट किया जा रहा है। बड़े वाहन चार दिन बाद भी परवाणू बाइपास पर फंसे हुए हैं, जिनका परवाणू के समाज सेवी संस्थाएं पूरा ख्याल रख रही हैं। चार दिन से फंसे ट्रक चालक इस दौरान हाई-वे की वर्तमान स्थिति के कारण हताश नजऱ आए। शनिवार के दिन भी एक बार फिर नेशनल हाई-वे पांच चक्कीमोड़ के पास पहाड़ दरकते दिखे, जिस कारण हाइवे पर फिर भारी मात्रा ने मलबा भर गया। इस स्थान पर जेसीबी व पोकलेन के जरिए यहां से मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है, लेकिन जितनी मिट्टी हटाई जा रही है, उससे ज्यादा मिट्टी बार-बार नीचे गिर रही है। इसके चलते यहां मलबा हटाने का काम भी पूरा नहीं हो पा रहा है। कालका शिमला हाई-वे पांच के डायरेक्टर आनंद दहिया ने बताया कि शनिवार को आरओ व पूरी हाईवे टीम ने स्थिति का जायज़ा लिया। टीम दिन-रात कार्य कर रही है । उन्होंने कहा कि सोमवार को भूमि निरीक्षण यंत्र से भी एक बार जगह की जांच करेंगे, ताकि जल्द ही कुछ न कुछ हल निकाला जा सके।