हिमाचल में डाइट मनी तीन माह से नहीं मिली, मिड-डे मील का खर्चा उठाने को मजबूर हुए शिक्षक
आए दिन बढ़ रही महंगाई की मार से जहां मिड-डे मील को पुराने तय दामों में बच्चों का खाना बनाना मुसीबत बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ मिड-डे मील का राशन और गैस खरीदने के लिए आने वाली डाइट मनी की राशि तीन माह से जारी नहीं हुई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आए दिन बढ़ रही महंगाई की मार से जहां मिड-डे मील को पुराने तय दामों में बच्चों का खाना बनाना मुसीबत बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ मिड-डे मील का राशन और गैस खरीदने के लिए आने वाली डाइट मनी की राशि तीन माह से जारी नहीं हुई है। हालात ये हैं कि फरवरी से अप्रैल माह तक का मिड-डे मील का यह बजट स्कूलों को नहीं दिया गया है और दुकानों से उधार उठा रहे शिक्षकों को अब दुकानदार भी उधारी का सामान नहीं दे रहे हैं। वहीं एलपीजी सप्लाई में उधार की कोई गुंजाइश नहीं है। नतीजा ये है कि मिड-डे मील के बिलों का भुगतान अधिकांश क्षेत्रों में शिक्षक अपनी जेब से कर रहे हैं और बजट कब मिलेगा इसका कोई अनुमान नहीं है। मिड-डे मील वर्कर्ज को तो मानदेय डालने के बिल चार माह हेतु बनाए जा रहे हैं लेकिन राशन व गैस के बिल के भुगतान की प्रक्रिया अधर में लटकी है।