शिमला। धर्मशाला से शुरू हुई देवभूमि सवर्ण संगठन की मशाल पैदल यात्रा शुक्रवार को शिमला स्थित सचिवालय के बाहर पहुंची। संगठन के पदाधिकारी यहां पहुंचकर मुख्यमंत्री से मिलने की मांग करने लगे, लेकिन कई घंटों के इंतजार के बाद भी जब मिलने का समय नहीं मिला तो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कुछ समय के बाद नारेबाजी में बदल गया, ऐसे में काफी समय तक माहौल गर्माया रहा। शाम 6 बजे के बाद संगठन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस दौरान सीएम को मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन भी सौंपा गया। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मदन ठाकुर ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रदेश में सवर्ण आयोग का गठन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पहली से 8वीं कक्षा तक के सामान्य वर्ग के विद्याॢथयों को भी अन्यों की तरह वर्दी फ्री प्रदान की जाएगी। मदन ठाकुर ने सीएम से आग्रह किया कि आरक्षण आर्थिक आधार मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने योग्यता के आधार पर नौकरियां और समानता के अधिकार की बात कही। उन्होंने कहा कि किसान परिवारों को प्रतिमाह 3 हजार रुपए दिए जाएं।
इसके लिए सरकार एक्ट बनाए। मदन ठाकुर ने कहा कि आरक्षण गरीबों को मिलना चाहिए, लेकिन सभी पात्र लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। इसके विपरीत कुछ नेता से लेकर पूर्व अधिकारी ऐसे होंगे, जिन्होंने कई दफा आरक्षण का लाभ लिया जबकि आज भी वे कहते हैं कि वे दबे-कुचले हैं। उन्होंने कहा कि संगठन की लड़ाई किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं है, बल्कि समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि गरीबों और किसानों की यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक संगठन की मुख्य मांगों पर मोहर नहीं लग जाती है। उन्होंने कहा कि संगठन की मशाल पैदल यात्रा धर्मशाला से शुरू हुई थी। इसके तहत रात के समय मशाल के साथ यह यात्रा आगे बढ़ती रही तथा आज 984 किलोमीटर का सफर पूरा करते हुए यह सचिवालय पहुंची है। उन्होंने कहा कि आरक्षण आर्थिक आधार पर मिले और गरीबी रेखा से नीचे रह रहे सवर्णों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। मदन ठाकुर ने कहा कि संगठन दिल्ली में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अपना मांग पत्र सौंप चुका है। इसके बाद यह यात्रा परवाणु होते हुए शिमला पहुंची है। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ दिनों में अब संगठन के पदाधिकारी सभी विधायकों के घर-घर जाएंगे और उन्हें पूछेंगे कि वे आॢथक आधार पर आरक्षण की मांग क्यों नहीं करते हैं।