प्रदेश में मानसून से तबाही, अब तक 153 लोगों ने गंवाई जान, 251 घायल
प्रदेश में मानसून से तबाही
शिमला
देवभूमि हिमाचल में मानसून की बारिश खूब तबाही मचा रही है। बुधवार को प्रदेश में तीन मौत हो गई। कांगड़ा जिला में बनेर खड्ड में डुबने से युवक की मौत हो गई। वहीं, शिमला में दो लोग हादसे का शिकार बने हैं। मानसून के पहले 35 दिनों में बाढ़, सडक़ हादसों और आपदा से 153 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 251 व्यक्ति घायल हुए। शिमला में सबसे ज्यादा 25 और कुल्लू में 21 लोगों की जान गई। मणिकर्ण घाटी में बाढ़ की चपेट में आए चार लोगों समेत कुल छह व्यक्ति एक महीने से लापता हैं। प्रदेश में बारिश के दौरान 603 करोड़ रुपए की सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति बर्बाद हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी को 323 करोड़ और जलशक्ति विभाग की 264 करोड़ की करारी चपत लगी है। उधर, बारिश से किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू और शिमला के कई क्षेत्रों में किसानों-बागबानों के खेतों व बगीचों को नुकसान पहुंचा है।
कई सडक़ों पर आवाजाही बंद होने से किसानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान बारिश से 31 सडक़ें और 60 विद्युत ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। कुल्लू में सबसे ज्यादा17 सडक़ें, चंबा में चार, कागंड़ा व लाहुल-स्पीति में एक-एक, मंडी में नौ और सोलन में दो सडक़ें बंद हैं। मानसून की बारिश ने कई लोगों से आशियाना छीनकर उन्हें बेघर किया है। राज्यभर में 79 मकान पूरी तरह जमींदोज हुए, जबकि 237 मकान आंशिक रूप से तबाह हुए। चंबा शहर से 35 किलोमीटर दूर डलहौजी-सलूणी सडक़ पर पहाड़ी दरकने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।
सात अगस्त तक बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में कमजोर रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चार अगस्त को प्रदेश के कई भागों में आंधी तूफान के साथ बारिश की आशंका जताई है। वहीं, पांच व छह अगस्त के लिए मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय भागों में फिर से भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में सात और आठ अगस्त को भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की आशंका है।