परवाणू : परवाणू के ईएसआइ अस्पताल में डेंगू के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। डेंगू के मामले 206 से ऊपर हो चुके हैं, वहीं कोरोना के भी अब तक सात मामले सामने आए हैं। बरसात की शुरुआत से ही डेंगू जैसी बीमारियों का आगमन भी शुरू हो जाता है, ऐसे में इनकी रोकथाम के प्रबंध प्रशासन द्वारा किए जाते हैं।
परवाणू में डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या में ज्यादातर मरीज पड़ोसी राज्य हरियाणा के हैं, लेकिन परवाणू के टकसाल से आने वाले मामले चिताजनक हैं। डेंगू के 206 मरीजों में 82 मरीज कालका से हैं तथा अन्य 124 मरीज परवाणू से हैं। इनमें करीब 70 मामले टकसाल गांव से हैं। हालांकि प्रशासन शहर में फागिग व दवाओं के छिड़काव के दावे कर रहा है, लेकिन टकसाल से आए मरीजों के आंकड़े इन दावों की पोल खोल रहे हैं। वहीं सेब सीजन के चलते परवाणू की टर्मिनल मंडी में भी बाहर से आढ़तियों व मजदूरों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे कोरोना संक्रमण के बढ़ने की संभावना हो सकती है। टर्मिनल मंडी में भी छिड़काव व फागिग की नहीं है व्यवस्था
डेंगू की रोकथाम की बात करें तो प्रशासन की ओर से अभी तक टर्मिनल मंडी में किसी भी तरह का छिड़काव व फागिग करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मंडी प्रबंधन द्वारा नगर परिषद परवाणू व बीडीओ धर्मपुर को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। प्रशासन के दावों पर परवाणू के मयूर थियेटर के पास पड़ी गंदगी भी सवाल खड़े कर रही है। सड़कों में फैली गंदगी भी डेंगू सहित अन्य बीमारियों को भी बुलावा दे रही है। टकसाल गांव में बढ़ रहे मामले
चिकित्सा अधीक्षक डा. कपिल ने बताया कि सरकार द्वारा सभी विभागों के कार्य निर्धारित किए गए हैं। नगर परिषद परवाणू के कार्यकारी अधिकारी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वह सक्रियता से डेंगू की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे हैं। डा. कपिल ने बताया कि डेंगू के बढ़ते मामलों में कालका के मरीजों की संख्या ज्यादा है, लेकिन परवाणू के टकसाल गांव में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।