धर्मशाला न्यूज़: हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों को डीनोटिफाई करने को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 90 स्कूलों को बंद करने के लिए सुक्खू सरकार को जमकर लताड़ा। वहीं, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह ने भी आदिवासी इलाकों के स्कूलों को डीनोटिफाई नहीं करने की सलाह दी.
प्रतिभा सिंह ने कहा कि आदिवासी अंचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व कांग्रेस की वीरभद्र सरकार ने बच्चों की सुविधा के लिए स्कूल खोले थे. यहां बच्चों की संख्या कम हो सकती है। कम बच्चों की वजह से इन्हें बंद नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये इलाके ऐसे हैं कि बर्फबारी की वजह से ये बाकी दुनिया से कई महीनों तक कटे रहते हैं. लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा के पांगी और भरमौर जैसे इलाकों में स्कूल बंद होने से छोटे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
स्कूल बंद करने के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष और सुक्खू सरकार की अलग-अलग राय ने विपक्ष को हमले का मौका दे दिया है, क्योंकि सुक्खू सरकार ने कल बंद किए गए 90 स्कूलों समेत करीब 392 स्कूलों को डीनोटिफाई कर दिया है. इसके पीछे बच्चों की कम संख्या और पूर्व सरकार द्वारा चुनावी फायदे के लिए जगह-जगह स्कूल खोले जाने का तर्क दिया जा रहा है.
लोकसभा सदस्य होने के नाते प्रतिभा सिंह ने इस मुद्दे को इसलिए उठाया है क्योंकि शनिवार को ही राज्य सरकार ने 36 सीनियर सेकेंडरी स्कूल, 34 हाई स्कूल और 20 मिडिल स्कूल को डीनोटिफाई कर दिया है.