कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि युवाओं में जिले की सदियों पुरानी परंपराओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कांगड़ा जिले के पारंपरिक मेलों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
दरी में धुम्मू शाह मेले के दूसरे दिन का उद्घाटन करने के बाद उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि धुम्मू शाह मेला लोगों की आस्था से जुड़ा एक प्राचीन मेला है और इस मेले के वर्तमान स्वरूप को बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में इस मेले को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे।
बैरवा ने कहा कि भारत में कुश्ती की शुरुआत एक व्यायाम के रूप में हुई थी, लेकिन यह एक पेशेवर खेल के रूप में उभरा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहा है। उन्होंने कहा कि खेल जीवन को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और युवा पीढ़ी को इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि जिला सांस्कृतिक परिषद के माध्यम से खेल के साथ-साथ लोक कला की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा दिया जायेगा.
इससे पहले मेला प्रभारी एसडीएम संजीव भोट ने धुम्मू शाह मेले के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
स्थानीय पहलवानों के अलावा पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों के मशहूर पहलवानों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कांगड़ा जिले में आयोजित धुम्मू शाह मेले के दूसरे दिन नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सुरेंद्र कुमार, तहसीलदार गिरिराज और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.