बनखंडी में प्रस्तावित चिड़ियाघर को CZA की स्वीकृति, जल्द रखी जाएगी आधारशिला

Update: 2023-07-28 09:13 GMT
शिमला। हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के बनखंडी में प्रदेश के सबसे बड़ा जू (चिड़ियाघर) स्थापित होने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकारण (सीजैडए) ने बनखंडी में चिड़ियाघर स्थापित करने के लिए पूर्व स्वीकृति प्रदान की है। इसके बाद अब जल्द ही वन विभाग इसकी आधारशिला रख सकता है। इसके लिए विभाग ने सीएम सुखविंदर सिंह से समय मांगा है। सीएम ने अपने पहले बजट में बनखंडी में प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाने की घोषणा की थी तथा इसके लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि इस चिड़ियाघर के लिए 600 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकारण की जून, 2023 को हुई 108वीं तकनीकी समिति की बैठक के दौरान इस चिड़ियाघर की स्थापना के प्रस्ताव का गहन मूल्यांकन किया गया। पूरी जांच के बाद समिति ने इसकी स्थापना के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
बनखंडी चिड़ियाघर की स्थापना कांगड़ा को राज्य की पयर्टन राजधानी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, जो सीएम के ड्रीम परियोजनाओं में से एक है। बनखंडी में चिड़ियाघर के लिए 190 हैक्टेयर भूमि चयनित की गई है, जबकि बड़े जू के लिए 75 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती है। इसकी स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं वन बल प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि बनखंडी चिड़ियाघर लोगों को वन्य जीव संरक्षण और वन्य जीवों की जानकारी देने में अहम भूमिका निभाएगा। इसकी स्थापना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी प्रभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के अथक प्रयासों से इसे पूर्व मंजूरी मिली है। इस चिड़ियाघर में विश्व स्तरीय सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसमें हिमाचल प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के मूल वन्य जीवों को रखा जाएगा। इसकी स्थापना के लिए अब डिजाइङ्क्षनग पर विशेषज्ञ समूह द्वारा आवश्यक शर्तों को पूरा करने की दिशा में काम किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में अगले माह यानि अगस्त के पहले सप्ताह में वन महोत्सव आयोजित किया जा सकता है। वन महोत्सव का शुभारंभ सीएम सुखविंदर सिंह करेंगे। इस साल प्रदेश सरकार ने उस वन भूमि पर पेड़ लगाने का निर्णय लिया है, जहां पर पेड़-पौधे नहीं हैं।
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