CPS रामकुमार ने तैयार किया दो साल का प्रोजेक्ट, राजस्व बढ़ाना पहला कदम

Update: 2023-02-03 08:20 GMT
शिमला
वित्तीय अनियमितताओं में घिरी प्रदेश सरकार ने अब राजस्व जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आर्थिक तंगहाली में तमाम विभागों के टारगेट तय किए जा रहे हैं। विभागों में इन टारगेट को लेकर आगामी उथल-पुथल शुरू हो गई है। इस कड़ी में नगर नियोजन विभाग ने भी 200 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया है। यह लक्ष्य आगामी दो साल में पूरा किया जाएगा। इस लक्ष्य से जुड़ी फाइल मुख्य संसदीय सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेज दी गई है। अब जो परियोजना इस फाइल में तैयार की गई है उस पर मुख्यमंत्री को फैसला लेना है। मुख्य संसदीय सचिव रामकुमार चौधरी ने बताया कि सरकार का पहला काम राजस्व बढ़ोतरी करना है, ताकि पूर्व सरकार के समय में लिए गए गलत फैसलों की भरपाई की जा सके। इस कड़ी में नगर नियोजन विभाग भी अपनी भूमिका अदा करेगा। नगर नियोजन के माध्यम से आगामी दो साल में 200 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई है। नगर नियोजन के तहत आने वाले क्षेत्रों का बारीकी से अध्ययन किया गया है। नगर नियोजन के अधीन जिन जगहों पर शहर बस चुके हैं और इसके अलावा जहां खाली जमीन बची है उसका आकलन करने के आदेश विभाग के आलाधिकारियों को दे दिए गए हैं। रामकुमार चौधरी ने बताया कि 200 करोड़ का लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं है और आगामी दो साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा। टीसीपी के अधिकारियों के साथ इस बारे में बैठकों का शुरुआती दौर शुरू हो गया है। सीपीएस रामकुमार चौधरी ने कहा कि उद्योगों में 70 फीसदी रोजगार को लेकर कालाबाजारी चल रही है। इसमें जो युवक साक्षात्कार के लिए पहुंचते हैं उन्हें नौकरी तो नहीं मिलती है लेकिन उनके प्रमाणपत्र उद्योगों में जमा कर लिए जाते हैं। बाद में जब उद्योगों की जांच-पड़ताल होती है तो इन प्रमाणपत्रों को 70 फीसदी रोजगार हासिल कर्मचारियों के रूप में दिखा दिया जाता है।
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