कांग्रेस ने दिल्ली के बजाय रैली को जयपुर में आयोजित करने का लिया निर्णय
12 दिसंबर को दिल्ली में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व बिगड़ती अर्थव्यवस्था (Rising inflation, unemployment and deteriorating economy) के खिलाफ कांग्रेस की प्रस्तावित रैली को मंजूरी न मिलने पर कांग्रेस भड़क गई है
जनता से रिश्ता। 12 दिसंबर को दिल्ली में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व बिगड़ती अर्थव्यवस्था (Rising inflation, unemployment and deteriorating economy) के खिलाफ कांग्रेस की प्रस्तावित रैली को मंजूरी न मिलने पर कांग्रेस भड़क गई हैऔर उसके खिलाफ शुक्रवार को शिमला में धरना प्रदर्शन (Demonstration in Shimla on 12th December) करने की चेतावनी दी है (Congress protest in Shimla). कांग्रेस ने दिल्ली के राज्यपाल पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के इशारे पर कांग्रेस को अनुमति न देने के आरोप (protest against Modi in Himachal) लगाए हैं
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर (Congress State President Kuldeep Rathore on bjp government) ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है (kuldeep rathore press conference). कांग्रेस पार्टी महंगाई के खिलाफ दिल्ली में बड़े स्तर की रैली करने जा रही थी, लेकिन रैली की अनुमति नही दी गई. जिससे साफ जाहिर है कि मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. इस प्रस्तावित रैली को कांग्रेस आलाकमान ने अब दिल्ली के बजाय जयपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया है.
कुलदीप राठौर ने कहा कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में रैली आयोजित करने की अनुमति न दिए जाने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस शुक्रवार को राजधानी शिमला में विरोध प्रदर्शन करेगी (Congress will Protests in Shimla). इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे जन जागरण अभियान को लोगों का भरपूर समर्थन मिलने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि जिन चुनाव क्षेत्रों में आज तक कांग्रेस जीत दर्ज नहीं कर पाई है उन चुनाव क्षेत्रों का वे स्वयं दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2022 के चुनावों को देखते हुए इलेक्शन मोड में है और सभी कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं.कुलदीप राठौर (Congress State President Kuldeep Rathore) ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनाव के नतीजों में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री कर्मचारियों को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के खाली खजाने से ये कैसे संभव होगा ये अपने आप में बड़ा सवाल है. हिमाचल पुलिस द्वारा जाहिर किये जा आक्रोश पर भी उन्होंने सरकार को इस मसले पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी हैं. उन्होंने कहा कि विद्रोह की चिंगारी भड़कने लगी है प्रदेश की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले ही सरकार से नाराज हैं और उन्हें मुख्यमंत्री आवास जाना पड़ा. ऐसे में सरकार को समय रहते उनकी मांगों पर विचार कर उनका समाधान करना चाहिए.