विधानसभा के बाहर गरजे करुणामूलक, सरकार के वादे पूरे न होने से नाराज नारेबाजी करने लगे

सरकार के वादे पूरे न होने से नाराज करुणामूलक आश्रित शनिवार को विधानसभा का घेराव करने पहुंचे।

Update: 2022-08-14 01:52 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार के वादे पूरे न होने से नाराज करुणामूलक आश्रित शनिवार को विधानसभा का घेराव करने पहुंचे। विधानसभा की ओर बढ़ रहे करुणामूलकों को पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान करुणामूलकों ने वन टाइम सेटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां देने और पॉलिसी में संशोधन करने की बात कही। करुणामूलकों ने परिवार की सालाना आय 62 हजार 500 रुपए की शर्त को हटाया जाए। इस शर्त की वजह से करुणामूलकों की नियुक्तियां तृतीय श्रेणी में नहीं हो पा रही हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि करुणामूलक संघ को भूख हड़ताल पर बैठे हुए 380 दिन का समय बीत चुके हैं और निरंतर यह आंदोलन शिमला के कालीबाड़ी के समीप चल है। इसके उपरांत करुणामूलक संघ ने शनिवार को मानसून सत्र पर विधानसभा घेराव किया।

इसमें हजारों की संख्या में करुणामूलक आश्रित परिवार सहित सडक़ों पर उतर आए हैं। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि यह आंदोलन देश का बडे आंदोलन का रूप ले चुका है। करुणामूलक संघ ने किसान आंदोलन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है, लेकिन अभी भी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री इन आश्रितों का हाल जानने उनके रेन बसेरे में एक बार नहीं आए। उन्होंने कहा कि समस्त विभागों, बोर्डों, यूनिवर्सिटी और निगमों में लंबित पड़े क्लास-सी के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केसों छठे वेतन आयोग को आय सीमा में न जोडक़र जो 2019 की पॉलिसी के तहत किया जाए।
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