विधायक क्षेत्र विकास निधि सरकार ने फिलहाल रोकी है, इसे बंद नहीं किया है। जब वित्तीय हालत सुधरेगी, तो इसे बहाल भी कर दिया जाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला खराब आर्थिक हालत के कारण लिया है। यह बात विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी दल भाजपा के काम रोको प्रस्ताव के जवाब में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। विधानसभा के भीतर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री थे और उन्होंने पांच बार बजट पढा है, इसलिए यह समझ सकते हैं कि ऐसी स्थिति क्यों आई? हमारी सरकार ने सारी स्थिति का आकलन किया।
पिछली सरकार ने 920 संस्थान बिना बजट प्रावधान के खोल दिए। कॉलेज पंचायत घर में खुले और स्कूलों में बच्चे नहीं थे। हमने व्यवस्था में सुधार का फैसला लिया है। यह स्थिति आज विपक्ष में बैठे लोगों ने पैदा की, जब ये सरकार में थे। हम राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र लाने जा रहे हैं। उसमें सारी स्थिति साफ हो जाएगी। तब तक विपक्षी विधायकों को इंतजार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो खुद विधायकों के अधिकारों के लिए लड़ा हूं, इसलिए हमने विधायक क्षेत्र विकास निधि फिलहाल रोकी है।
पिछली सरकार ने पे कमिशन लागू किया, लेकिन एरियर नहीं दिया। महंगाई भत्ता भी हमारे लिए छोड़ गए। 75000 करोड का कर्ज प्रदेश पर है। इस आर्थिक बदहाली से निकलने के लिए हमें राजकोषीय सुधारों की तरफ बढऩा होगा। विधायक निधि के लिए काम रोको प्रस्ताव लाना भी सही नहीं है। या तो यह बंद कर दी होती तो बात कुछ और होती। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में बात की जा सकती थी। कुछ दिन के बाद उनकी सरकार का नया बजट आ रहा है, तब तक भाजपा विधायकों को भी इंतजार करना चाहिए।