वन महोत्सव का आगाज में कांगड़ा को चिडिय़ाघर का तोहफा देंगे सीएम सुखविंदर सुक्खू
शिमला: हिमाचल में वन महोत्सव का आगाज इस बार कांगड़ा से होगा। वन विभाग देहरा में वन महोत्सव की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस महोत्सव का आगाज कर सकते हैं। वन महोत्सव के साथ ही कांगड़ा को चिडिय़ाघर और फोरेस्ट सफारी का तोहफा भी मिलेगा। मुख्यमंत्री इस बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। फिलहाल, वन विभाग ने 11 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण का फैसला किया है। पहली बार पौधे रोपने के बाद इन्हें संभालने की जिम्मेदारी पांच साल तक वन विभाग को निभानी होगी। जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की ड्यूटी पौधरोपण के बाद देखरेख में लगाई जाएगी, उन्हें नियमित रूप से इसकी अपडेट आलाधिकारियों को देनी होगी।
इससे पहले पौधरोपण के बाद तीन साल तक देखरेख का जिम्मा तय किया जाता था, लेकिन ज्यादा जवाबदेही तय न होने की वजह से पौधों के पेड़ बनने की संभावनाएं कम हो जाती थीं। जो संस्थाएं इस बार पौधरोपण में अपनी भूमिका निभाने की इच्छा जाहिर करेंगी, उन्हें पांच साल तक इन पौधों को बचाने की गारंटी वन विभाग को देनी होगी। इस बार वन विभाग ने चीड़ के पौधे न उगाने का भी फैसला किया है। चीड़ की जगह फलदायक और ऐसे पौधों को रोपने की तैयारी है, जो संबंधित क्षेत्र के पर्यावरण में जल्दी ढल जाएं। वन विस्तार योजना में उन पहाडिय़ों पर पौधे लगाए जाएंगे जो बंजर हैं, जबकि वन विभाग घने जंगलों के बीच पौधरोपण करेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 15 उपमंडलों में 257 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधे लगाने का फैसला किया है। वन विभाग को प्रदेश भर में पौधरोपण अभियान चलाने में बजट की कमी आड़े आ सकती है। वन विभाग ने इस बार 11 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पौधे लगाने का फैसला किया है, जबकि इससे पहले 15 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण अभियान पूरा किया जाता रहा है। (एचडीएम)
शिलान्यास की तैयारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वन महोत्सव के आगाज के साथ कांगड़ा को चिडिय़ाघर और फोरेस्ट सफारी (जू) का तोहफा दे सकते हैं। इस जू को केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिल चुकी है। बनखंडी में 180 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। बीते दिनों केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय के सदस्य सचिव ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।