शिमला। राज्य सरकार कोविड-19 के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोगों पर दर्ज सैंकड़ों मामलों को वापस लेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी घोषणा के अनुरूप मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उच्चाधिकारियों को इस तरह के मामले वापस लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड का समय सबके लिए मुश्किल भरा रहा था। इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने तथा इससे बचाव के लिए आम लोगों पर कई प्रकार की पाबंदियां लगाई गई थीं। कई लोगों ने अलग-अलग कारणों के चलते इन नियमों की अवहेलना की थी, ऐसे में राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ऐसे मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
सरकार का मानना है कि जिन लोगों पर ये मामले दर्ज किए गए, उनको आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था। यानी लोगों ने किसी अपराध करने के उद्देश्य से नहीं बल्कि विभिन्न कारणों से नियमों को तोड़ा था। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसे मामले वापस लेने की बात कही थी, जिसको लेकर औपचारिक मुहर लग गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य में कोविड-19 से करीब 4222 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। यह आंकड़ा सरकारी रिकाॅर्ड में दर्ज है। इसके अलावा गैर-सरकारी आंकड़ों में यह संख्या इससे कहीं अधिक होने की संभावना है क्योंकि कई मामले दर्ज नहीं हो पाए।