हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के गांवों में सोमवार तड़के बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह आपदा रायसन के कायास गांव के पास घटी। यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन वाहन में बह जाने के कारण घायल हो गए। मृतक की पहचान बादल शर्मा के रूप में हुई, जो कुल्लू के पाडर तहसील के चांसारी गांव के रहने वालेे थे। सड़क को अवरुद्ध हो गया है, उसे खोलने के लिए का प्रयास किया जा रहा है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि आपदा स्थल के आसपास अचानक आई बाढ़ के कारण कई घर और दुकानें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। रायसन कुल्लू से 15 किमी बाद और मनाली से 26 किमी पहले एक नदी के किनारे का स्थान है। वहीं मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला ने आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दे रखा है। प्रदेश के मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने प्रदेशवासियों और सैलानियों से सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों को उफनते हुए नदी-नालों, लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों, जलभराव वाले स्थानों पर नहीं जाने और गैर जरूरी यात्राएं टालने की सलाह दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, प्रदेश में 22 जुलाई तक मौसम साफ होने के आसार नहीं है।
भारी बारिश से क्षतिग्रस्त योजना की बहाली में जुटे जल शक्ति विभाग के कर्मचारी।
पिछले 24 घंटे में रोहड़ू में फटा बादल: पिछले 24 घंटे के दौरान भी प्रदेश कई इलाकों में बारिश से नुकसान हुआ है। रोहड़ू के भलाड़ा पंचायत के मलखून नाले में बादल फटने से खूब तबाही हुई। इसके बाद कई घरों में पानी घुस गया। सड़क किनारे खड़ी एक कार भी पानी के तेज बहाव में बह गई। उधर, मंडी में सराज के मिहाच गांव संदोचा में लैंडस्लाइड से बाल कृष्ण (16) पुत्र डोला राम की मौत हो गई। मौसम विभाग के अनुसार पालमपुर में 15MM, जोगेंद्रनगर में 11MM, सुजानपुर में 7MM, धर्मशाला में 7, डलहौजी में 3MM और शिमला में 3MM बारिश हुई।
37 की मौत, 12 लापता
प्रदेश में 8 से 11 जुलाई के बीच की भारी बारिश के कारण 681 सड़कें सात दिन से बंद पड़ी हैं। इससे 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है। फ्लैश फ्लड व बाढ़ की चपेट में 37 लोगों की मौत और 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रदेश में लैंडस्लाइड की 53 और फ्लैश फ्लड की 41 घटनाएं पेश आ चुकी हैं। इससे भारी तबाही हो रही है। सड़कें बहाल नहीं होने से अभी भी 720 से ज्यादा बस रूटों पर बस सेवा शुरू नहीं हो पाई।