JJM के लिए साफ पानी सबसे बड़ी चुनौती, कोरोना काल में कम हुए जलजनित रोग

Update: 2023-04-07 09:50 GMT
शिमला: हिमाचल में पीने के पानी में संक्रमण होने के कारण पिछले छह साल में करीब 13 लाख लोग बीमार हुए हैं, लेकिन कैग की रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल के दो वर्षों में जलजनित रोगों से बीमार होने वाले लोगों की संख्या आधी हो गई है। यह रिपोर्ट 2021 की है, यदि 2022-23 में भी जल जनित रोगों से पीडि़तों की संख्या बढ़ी, तो जल जीवन मिशन के लिए यह सबसे बड़ा पैरामीटर होगा। गत बुधवार को विधानसभा में रखी गई वर्ष 2020-21 की एक रिपोर्ट कहती है कि राज्य की जनता को पीने को साफ पानी नहीं मिल रहा है। पीने के पानी की गुणवत्ता कई जगह खराब है। इसकी गवाही जलजनित रोगों के मामले देते हैं। पिछले छह साल में हिमाचल प्रदेश में जल जनित रोगों के 12.94 लाख से भी अधिक मामले आए हैं। कैग रिपोर्ट में वर्ष 2016 से 2021 तक के जलजनित रोगों के मामलों का ब्यौरा दिया गया है।
देखा जाए, तो छह साल में एक्यूट डायरिया के 12 लाख, 17 हजार, 076 मामले सामने आए। जांडिस के मामलों की संख्या छह साल में 5167 रही और टाइफाइड के केस 72507 रिकार्ड किए गए। कुल जलजनित रोगों के केस 12 लाख, 94 हजार, 750 रहे। कैग रिपोर्ट में जल जांच प्रयोगशालाओं में स्टाफ की कमी पर भी चिंता जताई है। मार्च, 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार टेस्ट चैक डिवीजन में 879 तकनीकी कर्मचारियों के पद व 2903 गैर तकनीकी कर्मचारियों के पद खाली थे। कुल 20 प्रयोगशालाओं में अनुशंसित 160 पदों के मुकाबले केवल 42 की मैनपावर थी। कैग की वर्ष 2009 से 2023 की रिपोर्ट में जलजनित रोगों के 20 लाख मामले थे। कुल 83 लोग मौत का शिकार भी हुए थे। पूर्व में आई कैग रिपोर्ट के अनुसार डायरिया के कुल 14 लाख, 19 हजार 645 मरीज प्रभावित हुए। इसी तरह गेस्ट्रोएंट्रिक्स के 176915 मामले और टाइफाइड के 495829 मामले दर्ज किए गए थे।
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