विपिन परमार के सवाल पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने दिया जवाब, मुफ्त बिजली से कमाए 3000 करोड़

Update: 2023-03-25 09:19 GMT
शिमला: हिमाचल को बीते तीन सालों में मुफ्त बिजली का हिस्सा बेचने से 3000 करोड़ रुपए की आय हुई है। इस दौरान 10204 मिलियन यूनिट मुफ्त बिजली हिमाचल के हिस्से आई है। इनमें 2019-20 में 3556 मिलियन यूनिट से 1021 करोड़, 2020-21 में 3283 मिलियन यूनिट से 762 करोड़ और 2021-22 में 3365 मिलियन यूनिट से 1217 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 1045 मेगावाट की करछम वांगतू जलविद्युत परियोजना के 45 मेगावाट क्षमता बढ़ोतरी के बाद हिमाचल को मुफ्त बिजली न देने पर नोटिस भी जारी किया है। जुलाई, 2021 में हस्ताक्षरित किए गए अनुपूरक अनुबंध के अनुसार निजी क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं के अनुबंधों में रॉयल्टी के प्रावधानों की अनुपालना न किए जाने का प्रावधान है। यह बात विपिन सिंह परमार की ओर से प्रस्तुत संकल्प प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं में प्रदेश की हिस्सेदारी को बढ़ाने और लाभांश समझौते की अनुपालना न होने से प्रदेश को हो रहे आर्थिक नुकसान पर नीति बनाने के जवाब में सीएम ने कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नई ऊर्जा नीति में 12 साल की समयावधि पूरी कर चुकी परियोजनाओं में मुफ्त बिजली की मात्रा बढ़ाने की संभावना तलाशेगी। प्रदेश में 172 में से 108 परियोजनाएं पोस्ट कमिशनिंग लोकल एरिया डिवेलपमेंट फंड नहीं दे रही हैं। ये परियोजनाएं 30 नवंबर, 2009 में पोस्ट कमिशनिंग एलएडीएफ को लेकर जारी अधिसूचना से पहले ही स्थापित हो चुकी थीं।
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