तीन निजी नर्सिंग संस्थानों और एक सरकारी अस्पताल पर विनियामक आयोग की अदालत में चलेगा केस

हिमाचल प्रदेश के तीन निजी नर्सिंग संस्थानों सहित एक सरकारी अस्पताल पर राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत में केस चलेगा।

Update: 2022-04-14 02:26 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश के तीन निजी नर्सिंग संस्थानों सहित एक सरकारी अस्पताल पर राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत में केस चलेगा। इन संस्थानों पर मान्यता प्राप्त करने के लिए गलत तरीके से अस्पतालों से संबद्धता लेने का आरोप है। सरकारी अस्पताल पर भी बिना जांच परख के कई नर्सिंग संस्थानों को खुद से जुड़े होने का प्रमाणपत्र देने का आरोप है। अब इन नर्सिंग संस्थानों के साथ सरकारी अस्पताल के खिलाफ आयोग की अदालत में सुनवाई होगी। आरोप है कि प्रदेश में 20 से 40 बिस्तरों के अस्पतालों और प्राइमरी हेल्थ सेंटर से जुड़े संस्थानों को भी एनओसी जारी हुई है।

विद्यार्थी और मरीजों का 1:3 अनुपात होने के नियम का पालन नहीं किया गया। नर्सिंग संस्थानों ने तीन से चार अस्पतालों से खुद को संबद्ध बताते हुए 150 बिस्तरों की संख्या दिखाते हुए नियमों को पूरा किया है। उधर, 25 से 27 अप्रैल तक विनियामक आयोग में सभी 48 नर्सिंग संस्थानों के प्रबंधक तलब किए गए हैं। इस दौरान आयोग कार्यालय में विभिन्न आवश्यक दस्तावेजों की कमेटी की ओर से जांच की जाएगी।
बीते तीन माह से आयोग नर्सिंग संस्थानों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच में जुटा है। कई संस्थानों ने आयोग की ओर से मांगे गए ब्योरे को समय से नहीं दिया है। कुछ संस्थानों की ओर से अधूरी जानकारियां ही दी गई हैं। ऐसे में अब आयोग ने सभी संस्थानों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ कार्यालय में बुलाया है। आयोग की अभी तक की जांच में खुलासा हुआ है कि कई संस्थानों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से भी कई मंजूरियां नहीं ली गई हैं। शिक्षकों की नियुक्ति भी काउंसिल के नियमों के अनुसार नहीं हुई है।
जिन अस्पतालों से संस्थान संबद्ध है, वहां के बेडों का प्रकार और संख्या भी स्पष्ट नहीं है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि सभी संस्थानों के अधिकारियों को 25 से 27 अप्रैल तक बुलाया गया है। कार्यालय में एक-एक कर इनके दस्तावेज जांचे जाएंगे। उन्होंने बताया कि तीन नर्सिंग संस्थानों और एक सरकारी अस्पताल में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं। इनके खिलाफ अब आयोग की अदालत में केस चलेगा।
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