26 मई तक हिमाचल में झमाझम होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

देशभर में तापमान में गिरावट से मौसम सुहावना बना हुआ है. वहीं मौसम विज्ञान विभाग ने 26 मई तक हिमाचल प्रदेश के 11 जिलों में बारिश होने का अनुमान लगाया है.

Update: 2022-05-23 03:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में तापमान में गिरावट से मौसम (Weather Update) सुहावना बना हुआ है. वहीं मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 26 मई तक हिमाचल प्रदेश के 11 जिलों में बारिश होने का अनुमान लगाया है. शिमला मौसम विभाग (MET) केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि आंतरिक अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि आंधी, बिजली, ओलावृष्टि और तेज हवाएं 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, शिमला और किन्नौर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की उम्मीद है. इस आंधी और बारिश से खड़ी फसलों, फलों के पौधों को नुकसान होने की संभावना है और बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. फल उत्पादकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उपज को बचाने के लिए एंटी-हेल नेट का उपयोग करें.

26 मई तक मानसून देगा दस्तक
दरअसल देशभर में कई जगह बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं 26 मई तक मानसून (Monsoon 2022) की केरल में दस्तक जेने की संभावना भी जताई गई है. इसके साथ ही मौसम विभाग के अनुसार मानसून तेजी से मुंबई की तरफ बढ़ रहा है. वहीं 20 से अधिक राज्य में बारिश का दौर (Rain alert) शुरू हो गया है. जिसमें दिल्ली भी शामिल है. आज दिल्ली में सुबह तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया है. हालांकि कई जगह पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और उड़ानें भी प्रभावित होने की खबरें सामने आई हैं. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 25 मई तक भारत के उत्तर-पश्चिम और पूर्वी क्षेत्रों में गर्मी से राहत देने की भविष्यवाणी की है.
70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिमला मौसम विभाग (MET) केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 26 मई तक राज्य में बारिश की उम्मीद है. इस दौरान आंधी, बिजली, ओलावृष्टि और तेज हवाएं 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की आशंका है. उन्होंने बताया कि चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, शिमला और किन्नौर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. उन्होंने बताया कि इससे फसलों को काफी नुकसान हो सकता है. साथ ही बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. उन्होंने फल उत्पादकों को सलाह दी कि वह अपनी उपज को बचाने के लिए एंटी-हेल नेट का उपयोग करें.
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